CCI rejects Apple’s plea: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एप्पल के उस अनुरोध को खारिज कर दिया है जिसमें उसने एक एंटी-ट्रस्ट जांच रिपोर्ट को रोकने का आग्रह किया था। सूत्रों के अनुसार, CCI ने पाया कि एप्पल भारत के प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।
क्या है मामला?
CCI ने अगस्त में एक जांच रिपोर्ट वापस लेने का आदेश दिया था, जब एप्पल ने आरोप लगाया कि नियामक ने 2021 के एक मामले में प्रतिस्पर्धियों को वाणिज्यिक रहस्यों का खुलासा किया था। इस मामले में टिंडर के मालिक मैच ग्रुप भी शामिल थे। एप्पल का कहना था कि इन तत्वों को रिपोर्ट से हटाया जाना चाहिए था। इसके बाद CCI ने सभी पक्षों से रिपोर्ट की प्रतियां वापस करने और उन्हें नष्ट करने का निर्देश दिया था। नियामक ने बाद में एक संशोधित रिपोर्ट जारी की।
CCI के आंतरिक आदेश के अनुसार, एप्पल ने नवंबर में आरोप लगाया कि मुख्य शिकायतकर्ता टुगेदर वी फाइट सोसाइटी (TWFS) ने CCI के निर्देशों का पालन नहीं किया और यह सुनिश्चित नहीं किया कि पुरानी जांच रिपोर्ट नष्ट कर दी गई हो। रॉयटर्स द्वारा देखे गए 13 नवंबर के आदेश में, एप्पल ने CCI से अनुरोध किया कि TWFS के खिलाफ “अपने आदेश का पालन न करने” के लिए कार्रवाई की जाए और संशोधित रिपोर्ट को भी रोक दिया जाए।
TWFS से नहीं मिला संतोषजनक जवाब
रविवार को नियमित कार्य घंटों के बाहर CCI की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। TWFS के प्रतिनिधियों को किए गए कॉल का भी कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ।
जांच में CCI का निष्कर्ष
CCI की जांच में पाया गया कि एप्पल ने अपने iOS ऑपरेटिंग सिस्टम पर ऐप स्टोर्स के बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का लाभ उठाकर ऐप डेवलपर्स, उपयोगकर्ताओं, और अन्य भुगतान प्रोसेसरों को नुकसान पहुंचाया।
एप्पल ने किसी भी गलत कार्य से इनकार किया है। कंपनी का कहना है कि वह भारत में एक छोटी कंपनी है, जहां गूगल के एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का अधिक प्रभाव है।
CCI के आंतरिक आदेश के अनुसार, एप्पल को इस मामले में संभावित मौद्रिक दंड निर्धारित करने के लिए 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के अपने लेखापरीक्षित वित्तीय विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।