Maharashtra स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में अब तक Guillain-Barré syndrome (GBS) के कुल 192 संदिग्ध मामले पाए गए हैं, जिनमें 167 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, सात लोगों की मौत भी हो गई हैं, जिनमें से एक की GBS के रूप में पुष्टि हुई, जबकि 6 संदिग्ध हैं। विभाग के अनुसार, मामले अलग-अलग क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जिनमें पुणे नगर निगम (PCMC) से 39, PCMC क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से 91, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (PCMC) से 29, पुणे ग्रामीण से 25 और अन्य जिलों से 8 मामले शामिल हैं। वर्तमान में 48 मरीज गहन चिकित्सा इकाई (ICU) मेंमहाराष्ट्र में 167 गुइलेन-बैरे सिंड्रोम मामले सामने आए, 48 मरीज ICU में भर्ती हुए; जानें ये सिंड्रोम क्या हैं हैं, जबकि 21 वेंटिलेटर पर हैं।
6 फरवरी को पुणे नगर निगम (PMC) ने नांदेड़ गांव, धायरी और आसपास के क्षेत्रों में 30 निजी जल आपूर्ति संयंत्रों को बंद कर दिया था। इन क्षेत्रों को प्रकोप के केंद्र माना गया है। 6 फरवरी को पीएमसी (PCM) के एक अधिकारी ने बताया कि इन संयंत्रों के खिलाफ पिछले दो दिनों में कार्रवाई की गई थी। पीने योग्य पानी के नमूने एकत्र करने के बाद PMC ने इन संयंत्रों पर कार्रवाई की थी। जबकि कुछ संयंत्रों को संचालन की उचित अनुमति नहीं थी, अन्य संयंत्रों में (Escherichia coli bacteria) एस्चेरिचिया कोली बैक्टीरिया से खराब हो गया था। इसके अलावा, कीटाणुनाशक और क्लोरीन (Disinfectants and chlorine) संदूषण को नियंत्रित नहीं करते हैं।
GBS क्या होता है जानें
3 फरवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र के वरिष्ठ स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जीबीएस (GBS) से प्रभावित रोगियों के परीक्षण और उपचार की प्रक्रिया की समीक्षा की गई। ध्यान दें कि गिलियन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré syndrome) एक ऑटोइम्यून रोग है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिका तंत्र पर गलती से हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी आती है और कभी-कभी पक्षाघात (Paralysis) जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।