भारत में ऐसी-ऐसी किताबें उपलब्ध हैं कि पढ़ने वालों के होश उड़ जाएं। दरअसल यहां पर हम भारतीय उपन्यासों के बारे में लोगों की पसंद के बारे में बात करने वाले हैं कि यहां कौन से उपन्यास उपल्बध हैं। हालाँकि इतनी सारी अलग-अलग भाषाएं और संस्कृतियां हैं। ऐसे में यहां पर किसी एक भाषा या फिर क्षेत्र के आधार पर सबसे अच्छे उपन्यास को चुनना या फिर उनका सामान्यीकरण करना कठिन है। यही वजह है कि हम इस लेख में आपके इस काम को आसान बनाने जा रहे हैं।
चूंकि इस लेख का विषय Hindi Novels Books है, तो इस लेख में हम आपको केवल उन्हीं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। यहां जिन उपन्यास के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, उनका कथानक काफी शानदार है और रीडर्स उनमें डूबकर रहा जाता है। इनकी भारत में अब तक करोड़ों प्रतियां बिक चुकी हैं, जो कि इनकी लोकप्रियता को भी दर्शाता है। इन किताबों को अभी भी लोग हाथों-हाथ लेते हैं और इनकी स्टोरी लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं
गोदान वास्तव में औपनिवेशिक (अंग्रेजी) शासन के अंतर्गत किसान का महाजनी व्यवस्था में चलने वाले निरंतर शोषण और उससे उत्पन्न होने वाली संत्रास की कहानी है
। .गोदान (Godaan) मुंशी प्रेमचंद
नायक होरी नाम का एक किसान है, जो कि किसान वर्ग के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद , लेकिन आजीवन संघर्ष के बावजूद भी उसकी एक गाय की आकांक्षा कभी पूर्ण नहीं हो पाती है।
.गुनाहों का देवता – धर्मवीर भारती
गुनाहों का देवता एक प्रेम कहानी है, जो कि हमारे समाज में जातिगत भेदभाव के बारे में बात करती है। यह चंदर नाम के एक छात्र के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे अपने कॉलेज के प्रोफेसर की बेटी सुधा से प्यार हो जाता है। इसको धर्मवीर भारती ने लिखा है, जो कि एक लेखक और संपादक हैं।
3. काशी का अस्सी – काशीनाथ सिंह
काशीनाथ सिंह के इस उपन्यास में पाँच कहानियाँ हैं, जो कि अस्सी घाट और वाराणसी से संबंधित हैं। ये कहानियाँ 1990 के दशक की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था का जिक्र करती हैं। किताब की भाषा कहानियों में रस भर देती है।
4. मैला आँचल – फणीश्वरनाथ रेणू
मैला आँचल की कहानी एक युवा डॉक्टर की कहानी है, जो कि अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद एक पिछड़े गाँव को अपने कार्य-क्षेत्र के रूप में चुनता है। यहां इसी क्रम में उसका ग्रामीण जीवन के पिछड़ेपन, दुःख, अभाव, अज्ञान, अंधविश्वास के साथ-साथ तरह-तरह के सामाजिक शोषण-चक्र में फँसी हुई जनता की पीड़ाओं और संघर्षों से भी उसका साक्षात्कार होता है।
5.राग दरबारी – श्रीलाल शुक्ला
राग दरबारी नाम का उपन्यास एक ऐसा उपन्यास है, जो कि गांव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से खोलने का कार्य करता है। शहर का किनारा छोड़ते ही भारतीय देहात का महासागर शुरू हो जाता था.यह समाज के हर पहलुओं में प्रकश डालता है इस उपन्यास में सब से सटीकता से आस पास की हो रही छोटी-छोटी राज नीतियों को दिखाया गया है यह आज भी बहुत सच्ची लगती है और समय मिले तोह इस उपन्यास को जरूर पढ़ना चाहिए
6.पिंजर – अमृता प्रितम
राइटर अमृता प्रीतम की पिंजर पुरो नाम की एक युवा लड़की की कहानी है, जिसका राशिद नाम के एक व्यक्ति ने अपहरण कर लिया था। राशिद के घर से भागने और अपने माता-पिता के पास लौटने में कामयाब होने के बाद उन्होंने उसे अशुद्ध मानते हुए वापस लेने से इनकार कर दिया था।