केरल पुलिस ने पतनमथिट्टा में 18 साल की एक दलित छात्रा के कथित गैंग रेप के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल यानी एसआईटी गठित की है.
पतनमथिट्टा के पुलिस अधीक्षक वीजी विनोद कुमार इस एसआईटी के प्रमुख बनाए गए हैं, जबकि डीएसपी नंदकुमार एस को भी उनके साथ इस एसआईटी में रखा गया है.
नंदकुमार इस मामले के जांच अधिकारी बने रहेंगे, लेकिन इस टीम को ज़्यादा जांच इंस्पेक्टर्स के साथ विस्तार दिया गया है. ये सभी लोग तिरुवनंतपुरम रैंज के डीआईजी अजीता बेगम के अंदर काम करेंगे.
इस कथित गैंग रेप के मामले में 64 अभियुक्तों में 28 की गिरफ़्तारी के बाद यह एसआईटी बनाई गई है.
इस मामले में जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें छात्रा के पड़ोसी, पड़ोसियों के दोस्त, उनके पिता के दोस्त, स्पोर्ट्स कोच और अन्य लोग भी शामिल हैं.
इनमें दो अभियुक्त 17 साल के नाबालिग़ हैं, जबकि अन्य अभियुक्त 19 से 47 साल की उम्र के हैं.
इस मामले के संबंध में अब तक 18 केस दर्ज किए जा चुके हैं. ये शिकायतें दो पुलिस थानों में दर्ज हुई हैं.
पतनमथिट्टा ज़िले के डिप्टी एसपी नंदकुमार एस ने बीबीसी हिंदी को बताया, “एससी-एसटी एक्ट और पॉक्सो के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं, क्योंकि ये अपराध पिछले पांच सालों में हुए हैं. उस वक्त पीड़िता नाबालिग़ थी.”
पुलिस अधिकारी ने बताया, “बीते पांच वर्षों में लड़की के साथ तीन बार गैंगरेप हुआ है .”
इस मामले में पीड़ित के पड़ोसी और बचपन के दोस्त को पहला अभियुक्त बनाया गया है, आरोपों के मुताबिक़ छात्रा के साथ पहली बार गैंग रेप उसके घर के पास ही हुआ था.
सखी नाम के महिला अधिकार संगठन ने यौन उत्पीड़न और यौन हमले को ‘सकते में डालने वाला’ बताया है.
इस मामले में सबसे पहला नाम छात्रा के पड़ोस में रहने वाले उनके बचपन के एक दोस्त का आया था. छात्रा जब तेरह साल की थी, तभी उन दोनों के बीच यह दोस्ती हुई थी.
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक़, “आरोपों के मुताबिक़ उसने पहले छात्रा को नग्न तस्वीरें और वीडियो दिखाए थे. उसके इस दोस्ता नाम भी एक मामले में दर्ज है.”
पतनमथिट्टा ज़िला क्राइम ब्रांच के मीडिया सेल के संजीव एम. ने बीबीसी हिंदी को बताया, “छात्रा ने अपने पिता के फ़ोन पर आए 40 लोगों की कॉल्स के सबूत मुहैया कराए.”
उन्होंने बताया, “छात्रा सदमे में है.”
अन्य मामलों में मजिस्ट्रेट के सामने छात्रा का बयान दर्ज नहीं हो पाया है, क्योंकि वो अस्वस्थ हैं.
यह सब शुरू कैसे हुआ?
पीड़ित छात्रा उस वक्त 13 साल की थी. इसके अलावा छात्रा के दोस्त पर आरोप है कि वो गैंगरेप मामलों में से कम से कम एक में शामिल था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ‘अभियुक्त ने छात्रा की नग्न तस्वीरें लीं और वीडियो बनाए. कथित तौर पर वह गैंग रेप के एक मामले में शामिल था.’
पतनमथिट्टा ज़िला क्राइम ब्रांच के मीडिया सेल के सजीव एम ने कहा, “पहले अभियुक्त के फ़ोन में यौन उत्पीड़न के सबूत हैं. इनके ज़रिए वो छात्रा को ब्लैकमेल करने, उसका यौन शोषण करने और उसे दोस्तों के पास ले जाने के लिए करता था.” यह मामला तब सामने आया जब कुटुम्बश्री ‘स्नेहिता’ कार्यक्रम के अंतर्गत कम्युनिटी काउंसिलर की एक टीम पीड़िता के घर गई.
बाल कल्याण समिति, पतनमथिट्टा के चेयरपर्सन और एडवोकेट एन राजीव ने बीबीसी हिंदी से कहा, “इस कार्यक्रम के तहत बहुत सारे पारिवारिक विवरण इकट्ठा किए जाते हैं और परिवारों को परामर्श दिया जाता है कि वे अपनी समस्याओं से कैसे निपटें.” “यह तब हुआ जब पीड़िता अपने स्कूल के दिनों के अनुभवों के बारे में बात करना चाहती थी. लेकिन उसने किसी बड़े अधिकारी से बात करने पर ज़ोर दिया और काउंसिलर ने सीधे मुझसे संपर्क किया.”
पीड़िता और उसकी मां सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष के कार्यालय गए, जहां पीड़िता ने सारी बातें बताईं. राजीव ने बताया, “पीड़िता ने हमारे मनोचिकित्सक से बात की, जबकि उसकी मां बाहर इंतज़ार कर रही थी. मां को अपने पति का फ़ोन लाने के लिए कहा गया और इस तरह अपराधियों के नाम सामने आए.”
आमतौर पर सीडब्ल्यूसी से उम्मीद की जाती है कि वह स्थानीय थानाध्यक्ष को इसकी सूचना दें.
लेकिन राजीव ने कहा, “हमें लगा कि यह एक अलग मामला है. इसलिए हमने पुलिस अधीक्षक को सूचित किया और उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी.” इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार से तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है. केरल महिला आयोग ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है. पीड़िता और उनकी मां को सुरक्षित घर में ले जाया गया है. मजिस्ट्रेट के सामने छात्रा का रविवार को बयान दर्ज नहीं हो पाया है क्योंकि वह बीमार थी.