रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयरों में आज, 6 मार्च को 1.9% तक की तेजी आई, और ये ₹1,198 प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे, जब वैश्विक निवेश बैंक और वित्तीय सेवाएं कंपनी जिफ़रीज़ ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर अपनी सकारात्मक रिपोर्ट जारी की। जिफ़रीज़ ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रदर्शन बेंचमार्क NIFTY50 इंडेक्स के मुकाबले कमजोर रहा है, जिसका कारण रिटेल सेक्टर में मंदी और O2C (ऑयल टू केमिकल्स) कारोबार में सुस्ती है।
कुल मिलाकर कमजोर प्रदर्शन, लेकिन संभावनाएं बनी हुई हैं
जिफ़रीज़ ने बताया कि पिछले 12 महीनों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 21% की गिरावट आई है, जबकि Nifty50 इंडेक्स में 1% से भी कम गिरावट आई है। इसके अलावा, रिलायंस के शेयर अपने रिकॉर्ड हाई ₹1,608.80 से 37% नीचे हैं, जो जुलाई 2024 में देखा गया था।
जिफ़रीज़ ने यह भी कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल व्यवसाय में अत्यधिक निराशा नहीं है, और वर्तमान में कंपनी का रिटेल सेक्टर $48 बिलियन के मार्केट कैप से संबंधित है, जबकि पिछले फंडिंग राउंड में इसका मूल्य $106 बिलियन था। हालांकि, जिफ़रीज़ ने उम्मीद जताई कि रिलायंस का रिटेल व्यवसाय FY26 तक 15% तक की वृद्धि दर्ज कर सकता है।
रिटेल सेक्टर में घटती कर्मचारियों की संख्या
रिलायंस के रिटेल सेक्टर के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष कई बड़े रिटेलर्स ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 26,000 तक की कमी की, जिसमें रिलायंस के रिटेल डिवीजन का योगदान 17% था। रिटेल सेक्टर में यह गिरावट मुख्य रूप से धीमी विकास दर और मांग में कमी के कारण आई है। हालांकि, जिफ़रीज़ का मानना है कि इस निराशावाद के बावजूद, रिटेल क्षेत्र में आगे की संभावनाएं बनी हुई हैं।
Q3 FY25 के नतीजे: मुनाफे में बढ़ोतरी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के Q3 FY25 नतीजे भी सकारात्मक रहे, जिसमें कंपनी का शुद्ध लाभ 7.4% बढ़कर ₹18,540 करोड़ (₹13.70 प्रति शेयर) हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह ₹17,265 करोड़ था। साथ ही, कंपनी की लाभ पहले टैक्स (EBITDA) 7.8% बढ़कर ₹48,003 करोड़ रही।
रिलायंस का O2C कारोबार, जो कि गुजरात के जामनगर में स्थित दोनों रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल संयंत्रों से जुड़ा है, 2.4% बढ़कर ₹14,402 करोड़ पर पहुंचा। इसके अतिरिक्त, जिओ-बिपी, रिलायंस का ब्रिटिश पेट्रोलियम (BP) के साथ जॉइंट वेंचर, ने भी अपनी सबसे बड़ी तिमाही बिक्री की रिपोर्ट दी है।
भविष्य में क्या हैं संभावनाएं?
रिलायंस इंडस्ट्रीज का भविष्य सकारात्मक दिख रहा है, विशेष रूप से रिटेल, टेलीकॉम और O2C क्षेत्रों में। जिफ़रीज़ की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस का रिटेल व्यवसाय मजबूत हो सकता है, खासकर जब कंपनी नई स्टोर ओपनिंग और समान-स्टोर बिक्री वृद्धि (SSG) में सुधार देखेगी। इसके अलावा, Jio का आईपीओ और O2C कारोबार की मुनाफे में वृद्धि भी शेयरों को सहारा दे सकती है।
हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और व्यापारिक शुल्कों को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहना होगा। जैसे-जैसे बाजार की दिशा साफ होती जाएगी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेशक यह देखेंगे कि क्या कंपनी के लिए तेजी की संभावनाएं फिर से खुलती हैं या नहीं।