नई दिल्ली: पद से हटने के बाद 77 वर्षीय शेख हसीना ने नई दिल्ली में शरण ली थी और अभी वहीं पर रह रही हैं, जबकि बांग्लादेश ने घोषणा की है कि वह उनके प्रत्यर्पण की मांग करेगा।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के बीच एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने सोमवार को अपने शीर्ष राजनयिक को बांग्लादेश भेजा। भारत हमेशा से शेख हसीना का प्रबल समर्थक रहा है ,अगस्त में छात्रों के नेतृत्व वाली क्रांति के बाद बांग्लादेशी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को गिराने के बाद ढाका में किसी भारतीय राजनयिक की यह पहली बांग्लादेश यात्रा होगी।
मुहम्मद युनुस ने भारतीय आक्रामकता की निंदा करते हुए कहा है कि इन कार्रवाईयों का उद्देश्य उनका प्रशाशन अस्थिर करना है जो कि अभी लोकतांत्रिक सुधारों को लागू करने के लिए अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं ।
युनुस के शासन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है और हिंदुओं के नरसंहार के चलते निष्क्रिय दर्शक होने के आरोप हैं ।
देर रात शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पुष्टि करते हुए बताया कि विभाग के विक्रम मिस्त्री सोमवार को बांग्लादेश दौरे के लिए जाएंगे ।