दिल्ली में ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। गुरुवार सुबह राजधानी का तापमान गिरकर 4.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस मौसम की सबसे ठंडी सुबह साबित हुई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है। यह लगातार दूसरा दिन है जब दिल्ली का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।
पिछले रिकॉर्ड और मौजूदा हालात
दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। IMD के आंकड़ों के अनुसार, 6 दिसंबर 1987 को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। इस साल दिसंबर में एक बार फिर दिल्ली अपने ठंडे मौसम के पुराने रिकॉर्ड की ओर बढ़ती नजर आ रही है।
उत्तर भारत में शीत लहर का असर
दिल्ली की ठंडी हवाओं का असर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी देखा जा रहा है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों, जैसे शिमला और मनाली में ताजा बर्फबारी के बाद शीत लहरें तेज हो गई हैं। कोहरे के चलते दृश्यता में कमी आई है, जिससे यातायात और रेल सेवाओं पर असर पड़ा है।
IMD की चेतावनी
मौसम विभाग ने बताया कि 13 दिसंबर तक दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में शीत लहरों का सिलसिला जारी रहेगा। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, और मुजफ्फराबाद जैसे क्षेत्रों में 13-16 दिसंबर के बीच कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है।
हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी 16 दिसंबर तक शीत लहर चलने का अनुमान है। IMD ने यह भी कहा कि उत्तर-पश्चिमी हवाएं सुबह के समय 8 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी, जो दिन के समय 16 किमी प्रति घंटे तक तेज हो सकती हैं।
आगे क्या होगा?
IMD के अनुसार, उत्तर और मध्य भारत के तापमान में अगले चार से पांच दिनों तक कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं होगा। हालांकि, पूर्वी भारत में तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और पश्चिम भारत में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है।
कोहरे का असर और जनजीवन पर प्रभाव
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में घना कोहरा भी ठंड को और बढ़ा रहा है। कोहरे के चलते सड़क यातायात धीमा हो गया है और रेलगाड़ियों की गति प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, सुबह और शाम के समय कोहरे के घने होने की संभावना बनी हुई है।
सुरक्षा के उपाय
मौसम विभाग ने लोगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने और बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। शीत लहर के दौरान खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।