IIT की पीएचडी छात्रा ने कानपुर के एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) मो. मोहसिन खान पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले के बाद मोहसिन खान को पुलिस कमिश्नरेट कानपुर से हटाकर पुलिस मुख्यालय में संबद्ध कर दिया गया है। सोमवार को इस मामले में पीड़ित छात्रा के 16 पन्नों के बयान न्यायालय में दर्ज किए गए, जिसमें उसने पूरी घटना का विस्तार से उल्लेख किया। छात्रा ने बयान में बताया कि पहली रात से लेकर अब तक के घटनाक्रम को उसने डरा और सहमा होकर सहन किया।
पीड़िता के बयान के अनुसार, वह साढ़े तीन घंटे तक डरी रही और इस दौरान उसने किसी से भी बात नहीं की। सुरक्षा की दृष्टि से उसे एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) द्वारा एडीसीपी अर्चना सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ आईआईटी कैंपस वापस भेजा गया। सूत्रों के अनुसार, पीड़िता के बयान में वही बातें थीं जो एफआईआर में दर्ज थीं, जिससे एसीपी के खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है।
घटना का विवरण
लखनऊ निवासी पीपीएस अधिकारी मो मोहसिन खान की तैनाती कानपुर कमिश्नरेट में 12 दिसंबर 2023 को हुई थी। उन्हें एसीपी कलक्टरगंज सर्किल के साथ साइबर क्राइम की भी जिम्मेदारी दी गई थी। एडिशनल सीपी हरीश चंदर के अनुसार, मोहसिन खान जुलाई 2024 से आईआईटी में साइबर क्राइम इनवेस्टिगेशन एंड साइबर क्रिमिनोलॉजी से पीएचडी कर रहे थे।
कानपुर में तैनाती के दौरान मोहसिन खान ने आईआईटी की एक पश्चिम बंगाल निवासी पीएचडी छात्रा से नजदीकी बढ़ाई। छात्रा के आरोप के मुताबिक, खान ने उसे बताया था कि वह अपनी पत्नी से तलाक लेने की प्रक्रिया में है और उनकी एक 5 साल की बेटी है। इसके बाद दोनों के बीच करीबी संबंध विकसित हुए। लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि खान का तलाक लेने का दावा गलत था।
नवंबर 2024 में छात्रा को उनके खिलाफ सबूत मिले और इसके बाद उसने आईआईटी प्रबंधन से शिकायत की। गुरुवार को पीड़ित छात्रा ने कानपुर के कल्याणपुर थाने में एसीपी के खिलाफ तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने इस मामले की जांच के लिए डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा को निर्देशित किया, और तत्परता से कार्रवाई की गई।
संभावित गिरफ्तारी
इस मामले में अब तक की घटनाओं और पीड़िता के बयान के आधार पर एसीपी मो मोहसिन खान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्परता से जांच शुरू कर दी है और आरोपित अधिकारी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे कोई कानूनी सलाह के रूप में ना समझें।