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Thursday, March 13, 2025

भारतीये नौसेना के तीन त्रिदेव भारत की शान; PM मोदी ने आईएनएस सूरत, नीलगिरि और वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया

भारतीये नौसेना के तीन त्रिदेव भारत की शान . हमारे त्रिदेवों के बारे में जानकारी देते हैं। स्वदेसी डिस्ट्रॉयर INS सूरत के बारे में. ऑपरेशन आईएनएस नीलगिरी आईएनएस वाघशीर की ताकत

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हिंदुस्तानी होना बहुत सौभाग्य की बात हैं। आज भारतीय सेना 77 दिवस के मौके पर नौसेना के साथ – साथ सभी हिन्दुस्तानियों को बड़ी सौगात मिलने जा रही है.पीएम मोदी की मौजूदगी में भारतीय नौसेना में ‘त्रिदेव’ शामिल होंगे। ये तीन नए युद्धपोत इंडियन नेवी को समंदर का किंग बना देंगे. पीएम मोदी आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. अरब सागर से लेकर साउथ चाइना सी तक अब चीन अपनी हर चाल में नाकाम हो जायेगी। इस त्रिदेव में 2 स्वदेशी वॉरशिप और 1 सबमरीन है. यह इतना ताक़तवर है की अब भारतीये नौसेना से सामने टिक पाना असंभब हैं।

चलिये आपको एक – एक करके हमारे त्रिदेवों के बारे में जानकारी देते हैं।

डिस्ट्रॉयर INS सूरत के बारे में

यह दुनिया की सबसे खतरनाक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है. यह विशाखपत्तनम क्लास स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर का चौथ जहाज है. इसे स्वदेशी स्टील से बनाया
गया है. इसे मजगांव डॉक लिमिटेड (MDL) में बनाया गया है. इसकी सबसे बेहतरीन बात यह हैं की
देश में यह अब तक के बने वॉरशिप्स में सबसे कम समय में बनकर तैयार हुआ है.आईएनएस सूरत की लंबाई 163 मीटर है और इसकी रफ्तार 55.56kmph है. यह सतह से सतह मार करने वाली मिसाइल है. इसमें सतह से हवा में मार करने वाले दो वर्टिकल लॉन्चर मौजूद हैं. हर लॉन्चर से 16-16 मिसाइलें जा सकती हैं. यह ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल सिस्टम से है. इससे एक बार में 16 ब्रह्मोस मिसाइल फायर की जा सकती हैं. सबमरीन को नष्ट करने के लिए रॉकेट लॉन्चर, टॉरपिडो लॉन्चर भी मौजूद हैं.

ऑपरेशन आईएनएस नीलगिरी

भारत ने ब्लू वॉटर ऑपरेशन के लिए आईएनएस नीलगिरी को तैयार किया है. आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है. इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है. इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने और स्टील्थयुक्‍त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है. यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को रिप्रेजेंट करता है. यह निलगिरी दुश्मन के जमीनी टार्गेट को भी हिट कर सकता है तो समुद्र में पानी के नीचे सबमरीन को भी.ईएनएस नीलगिरी की ताकत तो पूछिए ही मत. वह दुश्मनों का काल है काल.

उसकी रफ्तार 30 केएमपीएच है. यह एयर डिफेंस गन और 8 लंबी दूरी की सर्फेस टू एयर मिसाइल से लैस है. एंटी सर्फेस और एंटी शिप वॉरफेयर के लिए ईएनएस नीलगिरी ब्रह्मोस से लैस है. यह एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए वरुणास्त्र, एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लेस है.

INS नीलगिरी में दो हेलिकॉप्टर लैंड कर सकते हैं. साथ ही यह मल्टी फंक्शन डिजिटल रेडार से लैस है.क्या सबमरीन वाघशीर: भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने जा रही नई सबमरीन का नाम है-वाघशीर. वाघशीर का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली सैंड फिश के नाम पर है. यह डीप सी प्रिडियेटर के नाम से भी जानी जाती है. यह प्रोजेक्ट 75 के तहत वगशीर स्कॉर्पीन क्लास की छठी और आखिरी सबमरीन है. यह डीजल इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन है. और लेटेस्ट तकनीक और आधुनिक फीचर्स से लैस है. दुश्मनों के लिए पानी के भीतर इससे मुकाबला करना नामुमकीन जैसा है.

आईएनएस वाघशीर की ताकत

INS वाघशीर की ऊंचाई 40 फीट है. पानी के अंदर इसकी रफ्तार 35kmph है और पानी की सतह पर 20kmph. स्कॉर्पिन क्लास की छठी और आखिरी सबमरीन है. टॉरपिडो और एंटी शिप मिसाइलों से सटीक अटैक करने में यह माहिर है. एंटी टॉरपिडो काउंटरमेजर सिस्टम से भी लैस है. यह सबमरीन एक साथ 18 टॉरपिडो या एंटी शिप मिसाइल लोड कर सकती है और 30 से ज्यादा माइन से लैस है. यह सबमरीन एंटी सर्फेस और एंटी सबमरीन ऑपरेशन को अंजाम देने में माहिर है.

यह तीनो त्रिदेव सूरत, आईएनएस नीलगिरी और सबमरीन वाघशीर का समंदर में उतरना समुद्री सुरक्षा की दिशा में भारत लिए नहुत गर्व की बात हैं।

 

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