Saif Ali Khan Pataudi House: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अभिनेता सैफ अली खान को निर्देश दिया है कि वह केंद्र सरकार द्वारा पटौदी परिवार की ऐतिहासिक संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित करने के खिलाफ अपीलीय प्राधिकरण में जाएं। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये है। शत्रु संपत्ति अधिनियम के प्रावधान केंद्र को विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए व्यक्तियों की संपत्ति पर दावा करने की अनुमति देते हैं। इसे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1968 में लागू किया गया था। 2014 में शत्रु संपत्ति विभाग के संरक्षक ने एक नोटिस जारी कर भोपाल में पटौदी परिवार की संपत्तियों को “शत्रु संपत्ति” घोषित किया था। भारत सरकार द्वारा 2016 में जारी अध्यादेश के बाद विवाद और बढ़ गया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि वारिसों को पटौदी परिवार की ऐसी संपत्तियों पर कोई अधिकार नहीं होगा।
जांच के दायरे में आने वाली प्रमुख संपत्तियों में फ्लैग स्टाफ हाउस, जहां सैफ ने अपना बचपन बिताया, नूर- उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा प्रॉपर्टी शामिल हैं। अदालत 2015 से खान की चुनौती पर सुनवाई कर रही थी।
13 दिसंबर को सुनवाई के दौरान डिप्टी सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने अदालत को बताया कि शत्रु संपत्ति से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए एक अपीलीय प्राधिकरण का गठन किया गया है।
जज विवेक अग्रवाल ने आदेश सुनाते हुए यह भी कहा कि संशोधित शत्रु संपत्ति अधिनियम, 2017 के तहत वैधानिक उपाय मौजूद है और कहा कि संबंधित पक्ष 30 दिनों के भीतर अभ्यावेदन दायर कर सकते हैं। अदालत ने कहा, “यह निर्देश दिया जाता है कि यदि आज (13 दिसंबर) से 30 दिनों के भीतर अभ्यावेदन दायर किया जाता है, तो अपीलीय प्राधिकारी सीमा के पहलू पर ध्यान नहीं देगा और अपील को उसके गुण- दोष के आधार पर निपटाएगा।”
अदालत के आदेश के अनुसार, खान को 12 जनवरी तक न्यायाधिकरण में अपील करनी थी, लेकिन इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उन्होंने ऐसा किया या नहीं। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैंने अभी तक आदेश नहीं देखा है। हम कोई भी कदम उठाने से पहले आदेश का अध्ययन करेंगे। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि खान ने न्यायाधिकरण में अपील की है या नहीं।”
दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में ही रहीं, उन्होंने नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की और कानूनी उत्तराधिकारी बन गईं।
साजिदा के पोते सैफ अली खान को संपत्ति का एक हिस्सा विरासत में मिला। हालांकि, आबिदा सुल्तान का पलायन सरकार द्वारा संपत्ति को “शत्रु संपत्ति” के रूप में दावा करने का केंद्र बिंदु बन गया।