Manipur के मुख्यमंत्री पद से N. Biren Singh के इस्तीफा देने के दो दिन बाद मंगलवार को भी राज्य का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित बना रहा क्योंकि भाजपा के पूर्वोत्तर संयोजक Sambit Patra वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के करते रहे। सोमवार को Imphal में राज्य के वरिष्ठ भाजपा विधायकों के साथ मैराथन बैठकों के बाद Patra ने मंगलवार को भी यह बैठकर जारी रखीं। उन्होंने एनडीए के सहयोगी दलों, नगा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपुल्स पार्टी के विधायकों से भी मुलाकात की। मणिपुर में भाजपा में Biren Singh की आलोचकों और उनके समर्थकों के बीच गहरी छूट है तथा राज्य में जातीय ध्रुवीकरण भी है इसीलिए कहा जा रहा है कि पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए काम कर रही है। एक विधायक ने कहा, “हमारी समझ के अनुसार जल्द से जल्द एक लोकप्रिय सरकार बनेगी। लेकिन यह निर्णय Imphal में नहीं लिया जाएगा। यहां आम सहमति बनाने के लिए बैठकें हुई है। अगले कदम पर निर्णय केंद्र द्वारा प्रधानमंत्री Modi के अमेरिका दौरे से लौटने के बाद लिया जाएगा”।
कांग्रेस ने इस अनसुलझे हालात के लिए सरकार की आलोचना की है, क्योंकि मणिपुर विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 महीने का समय बुधवार को समाप्त हो रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता Jairam Ramesh ने कहा, “आज मणिपुर विधानसभा के संवैधानिक रूप से अनिवार्य सत्र का आखिरी दिन है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 174 (1) मैं प्रावधान है कि विधानसभा सत्र के अंतिम सत्र और अगले विधानसभा सत्र के पहले सत्र के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता। मणिपुर के राज्यपाल संवैधानिक रूप से अनिवार्य विधानसभा सत्र के लिए मणिपुर विधानसभा को ना बुलाकर अनुच्छेद 174 (1) का उल्लंघन क्यों कर रहे हैं? सत्र को इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि भाजपा उसे मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं कर सकी इसके खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी और जिसे रविवार रात को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा”।