कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख दंगे से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। सज्जन सिंह पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से इन्हीं दंगों से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा पा चुके हैं। ऐसे में निचली अदालत की तरफ से एक और मामले में दोषी पाए जाने के बाद सिख दंगों में उनकी बड़ी भूमिका को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर सज्जन कुमार कौन हैं? 1984 सिख दंगे में उनकी क्या भूमिका रही थी? कोर्ट में उन पर किन-किन आरोपों के तहत सुनवाई हुई है या जारी है? किन अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया, वहीं कहां उन्हें सजा हुई है? मौजूदा समय में इन मामलों में क्या चल रहा है?
पहले जानें- क्या था 1984 का सिख-विरोधी दंगा?
1984 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिख-विरोधी दंगे भड़क गए थे।
जून 1984: स्वर्ण मंदिर पर कब्जा करने वाले आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले को भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत मार गिराया था। भिंडरावाले के साथ उसके कई साथी भी मारे गए थे। इस अभियान को मंजूरी देने वाली पीएम इंदिरा गांधी ही थीं। सिखों के सबसे बड़े धर्मस्थल स्वर्ण मंदिर में हमले को लेकर कई लोगों की भावनाएं आहत हुई थीं।
31 अक्तूबर 1984: ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। माना जाता है कि इन दंगों में तीन हजार से पांच हजार लोगों की मौत हो गई थी। अकेले दिल्ली में करीब दो हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
अब इस घटना के लगभग 41 साल बीतने के बाद सज्जन कुमार को एक और मामले में सजा हुई है। वहीं कांग्रेस के एक और नेता जगदीश टाइटलर पर भी केस चल रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस नेता एचकेएल भगत और कमलनाथ भी सिख दंगों से जुड़े मामलों में आरोपी रह चुके हैं।