Apple हाल ही में इस खबर को लेकर चर्चा में है कि उसने कथित तौर पर अपने ग्राहकों को कैंसर के खतरे में डाल दिया है। एक हालिया मामले में, Apple पर मुकदमा किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसने अपने यूजर्स को ऐसे हानिकारक रसायनों के संपर्क में लाया है जो कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
PFAS के खतरे
PFAS का संबंध कई गंभीर बीमारियों से है, जिनमें कैंसर, जन्म दोष, प्रजनन समस्याएं और किडनी व प्रोस्टेट कैंसर जैसे मुद्दे शामिल हैं. एक अध्ययन में 22 अलग-अलग कंपनियों के वॉच बैंड्स का परीक्षण किया गया, जिसमें से 15 बैंड्स में ये हानिकारक केमिकल्स पाए गए. इनका उपयोग उत्पादों को टिकाऊ और पानी प्रतिरोधी बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन ये इंसान और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं.
Apple पर आरोप और कंपनी का पक्ष
एक मुकदमे में दावा किया गया है कि Apple ने अपने वॉच बैंड्स में इन खतरनाक केमिकल्स की मौजूदगी की जानकारी छुपाई. ये वॉच बैंड्स “Ocean,” “Nike Sport,” और “Sport” सीरीज के हैं. वहीं, Apple का कहना है कि उसके वॉच बैंड्स फ्लोरोइलास्टोमर नामक सामग्री से बने हैं, जो सुरक्षित और स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप है. कंपनी ने इन बैंड्स के सुरक्षित होने की पुष्टि की है, लेकिन मुकदमे में इन दावों को चुनौती दी गई है.
Apple Watch बैंड्स, जो यूजर्स की हार्ट रेट, स्टेप्स और नींद की निगरानी करते हैं, को स्वास्थ्य ट्रैकिंग उपकरणों के रूप में जोर-शोर से प्रचारित किया जाता है।
हेल्थ-ट्रैकिंग डिवाइस से स्वास्थ्य को खतरा
Apple वॉच जैसी डिवाइस को स्वास्थ्य सुधार और फिटनेस ट्रैकिंग के लिए डिजाइन किया गया है. लेकिन यदि इनमें हानिकारक केमिकल्स का उपयोग होता है, तो यह ग्राहकों की सेहत को खतरे में डाल सकता है. यह मामला टेक कंपनियों की जिम्मेदारी और पारदर्शिता पर सवाल उठाता है. ऐसे आरोप न केवल उपभोक्ताओं का भरोसा कमजोर कर सकते हैं, बल्कि कंपनियों की साख को भी नुकसान पहुंचाते हैं. यह जरूरी है कि Apple और अन्य टेक कंपनियां उत्पादों की सामग्री और सुरक्षा को प्राथमिकता दें, ताकि उपभोक्ताओं का विश्वास बनाए रखा जा सके.