Delhi Election में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पार्टी का पावर सेंटर अब दिल्ली से पंजाब की ओर शिफ्ट हो सकता है। इस बीच पंजाब में एक ही दिन में कई बड़े फैसले लिए गए, जिससे राजनीति गरमा गई है।
शुक्रवार को पंजाब सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया। सबसे पहले मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से प्रशासनिक सुधार विभाग छीन लिया गया और अब वे केवल NRI मामलों की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके बाद Punjab पुलिस विभाग में 21 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया, जिसमें कई बड़े पदों पर बदलाव किए गए।
वहीं, सूत्रों के अनुसार एजी ऑफिस के वकीलों से सामूहिक इस्तीफे की मांग की जा रही है, जिससे सरकार के अंदर खलबली मच गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में हार के बाद पंजाब में भी बदलाव की तैयारी में है और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बना रही है।
इस बीच, AAP नेता अमन अरोड़ा के ‘पंजाब में हिंदू मुख्यमंत्री’ वाले बयान ने भी नया विवाद खड़ा कर दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैबिनेट बैठक में इस बयान पर नाराजगी जताई और कहा कि अनावश्यक बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने अपने पद से हटने की अटकलों को भी खारिज कर दिया।
विपक्ष का आरोप है कि पंजाब सरकार कई अहम मुद्दों पर धीमे फैसले ले रही है। भाजपा नेता रवनीत बिट्टू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे प्रवासी नागरिकों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और पंजाब के मुद्दों पर असफल रहे हैं।
अब 24 और 25 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाले विधानसभा सत्र में इन मुद्दों को लेकर तीखी बहस और हंगामे की संभावना है।
नोट: हम बिजनेस हेडलाइन (BH) में अपनी नैतिकता को बहुत गंभीरता से लेते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त की जा सकती है।