आंध्र प्रदेश के पठानमथिट्टा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने 2014 में अपनी पत्नी की हत्या करने के दोषी मनोज अब्राहम (48) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जो उसके बच्चों को दिया जाएगा। यदि वह यह रकम नहीं चुकाता है, तो उसे दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
गुरुवार को न्यायाधीश जी. पी. जयकृष्णन ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी को एक महीने की अतिरिक्त जेल और 500 रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा, क्योंकि उसने अपनी पत्नी को गलत तरीके से रोका था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जुर्माना नहीं चुकाया गया, तो आरोपी की संपत्ति से यह रकम वसूल की जाएगी।
यह दर्दनाक घटना 28 दिसंबर 2014 की रात हुई थी। रीना (35) को एक फोन कॉल आया, जिससे मनोज अब्राहम नाराज हो गया। दोनों के बीच कहासुनी होने लगी, जिसे वार्ड सदस्य ने समझा-बुझाकर शांत किया। हालांकि, रात में फिर से झगड़ा हुआ और गुस्से में मनोज ने रीना के सिर और चेहरे पर बुरी तरह हमला किया।
रीना को गंभीर चोटें आईं और सुबह इलाज के दौरान कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
रन्नी पुलिस ने इस मामले में जांच पूरी कर मार्च 2015 में चार्जशीट दाखिल की थी। पूर्व पुलिस निरीक्षक टी. राजप्पन के नेतृत्व में जांच की गई थी। अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर मनोज अब्राहम को दोषी करार दिया।
रीना की मां और बच्चों के बयान इस मामले में अहम साबित हुए। हालांकि बाद में उसकी मां का निधन हो गया। अदालत ने बच्चों के बयान और परिस्थितिजन्य सबूतों को स्वीकार करते हुए आरोपी को दोषी पाया। इस केस में कुल 25 गवाहों और 13 वस्तुओं की जांच की गई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक एडवोकेट हरीशंकर प्रसाद ने इस मामले में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया। अदालत के इस फैसले से मृतक महिला के बच्चों को थोड़ी राहत मिली है।
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