अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी है, जिसने ब्लैक फ्राइडे, देव डी, गुलाल और गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी लोकप्रिय फिल्में बनाई हैं। फिल्ममेकर का कहना है कि उद्योग का वातावरण बहुत बुरा हो गया है।
हाल ही में द हिंदू को दिए गए एक इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने कहा कि वह मुंबई छोड़ चुका है। मैं इसे छोड़ना चाहता हूँ। शहर सिर्फ इमारतों से नहीं बनता; इस शहर में रहने वाले लोग एक-दूसरे को नीचे धकेल रहे हैं। फिल्म शुरू होते ही लोग विचार करने लगते हैं कि फिल्म को कैसे बेचना चाहिए। क्रिएटिविटी पर कोई बहस नहीं होती। फिल्म बनाना अब मनोरंजन नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि क्रिएटिव लोगों की कमी नहीं है, लेकिन इस सिस्टम में आगे बढ़ने के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। इसलिए मैं यहां से चला जाऊँगा। अगले वर्ष तक मैं मुंबई छोड़ दूंगा। इंडस्ट्री में बदलते हालात के कारण कई फिल्ममेकर्स ने मुंबई छोड़ दी है। बहुत से लोग मध्य ईस्ट, पुर्तगाल, लंदन, जर्मनी और अमेरिका में स्थानांतरित हो रहे हैं।
बताते चलें कि अनुराग कश्यप को पिछले साल जान से मारने की धमकियां दी जाती थीं। अनफिल्टर विद समधीश पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि उन्हें असली धमकियां मिल रही थीं, नहीं सिर्फ सोशल मीडिया से। ऐसे में उन्हें सरकार से सुरक्षा की मांग करनी पड़ी। एक बार बदमाशों ने अनुराग की जगह फिल्म ‘भेड़िया’ के निर्देशक अमर कौशिक को चुना था। उनकी बेटी आलिया को भी धमकियां मिलने लगीं।
अनुराग का जन्म गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका करियर 1998 में राम गोपाल वर्मा की क्राइम ड्रामा फिल्म ‘सत्या’ में को-राइटर के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद उन्हें “देव डी” मिला। 2012 में उसने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ नामक फिल्म बनाई, जो दर्शकों को प्रसन्न करती थी। अनुराग की फिल्म ने उनके लिए ही नहीं बल्कि कई लोगों को नई पहचान दी। फिर उन्होंने ‘गुलाल’, ‘दैट गर्ल इन येलो बूट्स’, ‘बॉम्बे वैल्वेट’, ‘रमन राघव 2.0’ और ‘मुक्केबाज’ जैसी कई फिल्में बनाईं।