भारत में Apple का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, और इसके परिणामस्वरूप 2024 में Apple ने iPhone निर्यात में एक नया मील का पत्थर हासिल किया है। भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Apple ने iPhone निर्यात से संबंधित शिपमेंट्स को रिकॉर्ड 12.8 बिलियन डॉलर (लगभग INR 1.08 लाख करोड़) तक पहुंचा लिया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 42% की वृद्धि को दर्शाता है, और एप्पल की भारत में अपनी उत्पादन क्षमता को लेकर बढ़ते विश्वास को भी स्पष्ट करता है।
यह उपलब्धि भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण कहानी बन गई है, जिसमें एप्पल की स्थानीय उत्पादन प्रक्रिया और सरकारी प्रोत्साहनों का बड़ा योगदान है। यहां हम एप्पल के भारत में निर्यात में वृद्धि के प्रमुख कारणों और इसके पीछे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
एप्पल के iPhone निर्यात में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
2024 में, एप्पल के iPhone निर्यात ने 12.8 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड आंकड़ा छुआ, जो भारतीय बाजार में एप्पल के प्रभाव और इसके उत्पादन के बढ़ते स्तर को दर्शाता है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के निर्यात से 42% अधिक है, और भारत में एप्पल के iPhone निर्यात में एक ऐतिहासिक वृद्धि को प्रदर्शित करता है।
इस निर्यात वृद्धि का सबसे बड़ा कारण उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना को माना जा रहा है, जिसे भारत सरकार ने 2020 में शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य भारत में उच्च गुणवत्ता वाली इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन को बढ़ावा देना था, और एप्पल ने इस योजना का भरपूर लाभ उठाया है। इससे एप्पल ने न केवल भारत में अपने उत्पादन को बढ़ाया, बल्कि भारत को वैश्विक iPhone उत्पादन का महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया है।
स्थानीय मूल्य संवर्धन में बढ़ोतरी
Apple के उत्पादन में स्थानीय मूल्य संवर्धन (Local Value Addition) में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। वर्तमान में, एप्पल के भारत में उत्पादित iPhones में स्थानीय मूल्य संवर्धन का अनुमान 15-20% है, जो कि पहले PLI योजना के लागू होने के समय केवल 5-8% था। इसका मतलब है कि अब भारत में अधिक से अधिक स्थानीय घटकों का इस्तेमाल किया जा रहा है और भारतीय आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने के साथ ही स्थानीय उद्योग को भी लाभ मिल रहा है।
यह वृद्धि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि यह भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए नए अवसरों का निर्माण कर रही है। एप्पल के साथ काम करने वाले भारतीय निर्माता और आपूर्तिकर्ता अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और उनकी गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, जो भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
स्थानीय उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी
एप्पल का घरेलू उत्पादन भी 2024 में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है। भारत में एप्पल का कुल उत्पादन 2024 में 17.5 बिलियन डॉलर (INR 1.48 लाख करोड़) तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 46% की वृद्धि दर्शाता है। इस वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि एप्पल ने भारत को अपने दूसरे सबसे बड़े iPhone उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित कर लिया है। चीन के बाद अब भारत एप्पल के लिए एक महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र बन गया है।
यह विकास भारत सरकार की PLI योजना और अन्य नीतियों के कारण संभव हुआ है, जो विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित कर रही हैं। एप्पल ने भारत में अपने आपूर्ति और उत्पादन नेटवर्क को मजबूत किया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि iPhone की निर्माण प्रक्रिया भारत में तेजी से बढ़े और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत का स्थान महत्वपूर्ण हो।
2023 का निर्यात और उत्पादन
2023 में, एप्पल ने भारत से लगभग 9 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था, जो कुल घरेलू उत्पादन का लगभग तीन-चौथाई था। भारत में एप्पल का कुल उत्पादन 12 बिलियन डॉलर के आसपास था, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा निर्यात के रूप में भेजा गया था। इस आंकड़े से यह साफ है कि एप्पल ने अपने भारतीय उत्पादन को वैश्विक बाजारों में भेजने के लिए रणनीतिक रूप से बढ़ावा दिया है।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में बढ़ोतरी
भारत में एप्पल के उत्पादन में वृद्धि केवल एप्पल तक सीमित नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में समग्र रूप से एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, जिसमें iPhones की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 2024 में, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और इसका एक प्रमुख हिस्सा iPhone निर्यात से आया है।
भारत सरकार की नीतियों, जैसे PLI योजना, ने न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया है, बल्कि वैश्विक निर्यात को भी मजबूत किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में इस वृद्धि ने भारत को एक मजबूत उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित किया है, जो दुनिया भर में भारत की साख बढ़ा रहा है।
Apple की रणनीति और भारतीय बाजार में प्रभाव
एप्पल की भारत में वृद्धि का मुख्य कारण सरकार की नीति और एप्पल की उत्पादन रणनीतियों का संयोजन है। PLI योजना ने विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जबकि एप्पल ने अपने उत्पादन को तेजी से भारत में स्थानांतरित किया है। इससे न केवल भारत को रोजगार और आर्थिक लाभ हुआ है, बल्कि भारतीय आपूर्ति श्रृंखला को भी बढ़ावा मिला है।
इसके अलावा, एप्पल ने भारत में अपने उत्पादों के मूल्य निर्धारण को भी अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में काम किया है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए इसकी उत्पादों की पहुंच आसान हुई है। भारत में बढ़ते स्मार्टफोन बाजार और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की मांग ने एप्पल के लिए यहां का बाजार और भी आकर्षक बना दिया है।
निष्कर्ष
एप्पल ने 2024 में अपने iPhone निर्यात में एक नया इतिहास रचते हुए भारत को वैश्विक उत्पादन और निर्यात नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। PLI योजना की सफलता और एप्पल की स्थानीय उत्पादन रणनीति ने भारतीय अर्थव्यवस्था और विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती प्रदान की है। इसके साथ ही, यह भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रहा है।
इस वृद्धि का प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक है, क्योंकि इससे भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को वैश्विक बाजारों में स्थान मिल रहा है और रोजगार सृजन हो रहा है। आने वाले वर्षों में, एप्पल के भारत में और अधिक निवेश करने और उत्पादन बढ़ाने की संभावना है, जो भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के लिए और भी अवसरों का निर्माण करेगा।