35.1 C
Delhi
Friday, March 14, 2025

बांग्लादेश के सलाहकार महफूज आलम का भारत के खिलाफ विवादित बयान, सोशल मीडिया पर उठी बहस

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के ‘सलाहकार’ महफूज आलम ने 16 दिसंबर 1971 के विजय दिवस के अवसर पर भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया, जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। विजय दिवस, बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की जीत का प्रतीक है, जब बांग्लादेशी सेना ने पाकिस्तानी सेना को हराया था। महफूज आलम ने इस दिन के मौके पर सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट डाला, जिसमें उन्होंने भारत के खिलाफ विवादित आरोप लगाए।

महफूज ने अपने पोस्ट में पूर्वोत्तर और उत्तरी भारत में सांस्कृतिक असंतोष को बढ़ावा देने की कोशिश की और एक नक्शा साझा किया जिसमें पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया। इसके बाद विवाद बढ़ने पर, महफूज ने अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक विवाद फैल चुका था।

पूर्वोत्तर भारत को अस्थिर करने की कोशिश
महफूज आलम ने अपने पोस्ट में दावा किया कि पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के लोग सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत समान हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत के ऊंची जातियों और हिंदू कट्टरपंथियों के रवैये के कारण पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) का निर्माण हुआ था। इसके साथ ही, महफूज ने 1975 और 2024 की घटनाओं का संदर्भ देते हुए यह कहा कि बांग्लादेश को एक नई व्यवस्था और भूगोल की आवश्यकता है।

1975 और 2024 का संदर्भ
महफूज ने 1975 और 2024 का उल्लेख करते हुए बांग्लादेश के इतिहास पर टिप्पणी की। 1975 में शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी, जबकि 2024 में शेख हसीना को सत्ता से हटाने की कथित योजना पर महफूज ने बयान दिया, और इसे अलोकतांत्रिकबताया। महफूज ने यह भी दावा किया कि परिस्थितियां बदलने के बावजूद बांग्लादेश को अभी भी एक नई व्यवस्था और भूगोल की आवश्यकता है।

विवादित नक्शा और धमकी भरी बातें
महफूज आलम ने फेसबुक पर एक विवादित नक्शा साझा किया, जिसमें भारत के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया। इस नक्शे को साझा करते हुए उसने यह भी कहा कि बांग्लादेश अब भी अपनी ‘मुक्ति की तलाश’ में है और यह सिर्फ शुरुआत है। हालांकि, इस पोस्ट के कुछ ही घंटों बाद उसने इसे हटा दिया।

महफूज आलम का बैकग्राउंड और विवाद
महफूज आलम एक कट्टर इस्लामवादी नेता हैं और वह मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में मंत्री-स्तरीय सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की उपस्थिति में महफूज को शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए एक सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया ऑपरेशन का मास्टरमाइंड बताया था।

महफूज आलम, जिन्होंने 2016 में विश्वविद्यालय छोड़ दिया था, खुद को छात्र नेता बताते हैं। उनके बयानों और गतिविधियों से यह स्पष्ट होता है कि वह भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने और कट्टरपंथी इस्लाम को समर्थन देने की कोशिश कर रहे हैं।

महफूज के बयान ने बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में नया विवाद खड़ा कर दिया है और इसकी आलोचना भारतीय और बांग्लादेशी दोनों समुदायों से हो रही है।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!