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Friday, March 14, 2025

बिहार चुनाव 2025: विधायक दल की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय, महागठबंधन की नवीनतम रणनीति

गुरुवार (6 मार्च, 2025) की शाम, महागठबंधन के विधायक दल ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा की। इसमें तय किया गया है कि सीटों का समय पर बंटवारा होगा। आरजेडी के सहयोगी दल सम्मानित होंगे। चुनाव की तैयारियों में एकजुट होने को कहा गया है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि वामदल आरजेडी से पूरी तरह सहमत है।

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गुरुवार (6 मार्च, 2025) की शाम, महागठबंधन के विधायक दल ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा की। इसमें तय किया गया है कि सीटों का समय पर बंटवारा होगा। आरजेडी के सहयोगी दल सम्मानित होंगे। चुनाव की तैयारियों में एकजुट होने को कहा गया है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि वामदल आरजेडी से पूरी तरह सहमत है।

मुख्यमंत्री के चेहरे पर कांग्रेस के कुछ विधायक बयानबाजी कर रहे थे। उनकी सलाह दी गई है। सूत्रों के अनुसार, विधायकों को स्पष्ट रूप से आपसी मतभेद से बचने का आदेश दिया गया है। घटक दलों के नेताओं ने साफ तौर पर मान लिया कि महागठबंधन केवल तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चलेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक विजय शंकर दुबे ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता बताया।

तेजस्वी ने विधायकों को सलाह भी दी

तेजस्वी यादव ने भी विधायकों को इस बैठक में सलाह दी। कहा कि हम एनडीए का मुकाबला करेंगे और एकजुट रहेंगे। विधायकों को लोगों के बीच रहने के लिए कहा। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में नई सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाएंगे। तेजस्वी यादव प्रत्येक विधायक से व्यक्तिगत रूप से बैठक करेंगे अगर उनका व्यवहार खराब होगा। उन्हें विधायकों को चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा गया है।

नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नहीं बनाने का मुद्दा बैठक में सबसे ज्यादा उठाया गया। जनता को यह बताना चाहिए कि एनडीए का आतंकवादी शगूफा अब नहीं रहेगा। आरजेडी सरकार ने किए गए कामों का डेटा लेकर विधायकों को बताया। नीतीश सरकार के खिलाफ असंतोष के मुद्दों पर हमला करने की योजना बनाई गई।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि महागठबंधन में शामिल घटक दलों के नेताओं की जिलों में संयुक्त बैठकें होंगी। इन बैठकों का उद्देश्य आम लोगों को बताना है कि महागठबंधन सरकार ने उनके हित में क्या किया है और एनडीए सरकार ने उनके हितों की अनदेखी की है।

नीतीश कुमार के खिलाफ असंतोष को दूर करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा हुई और निर्णय हुआ कि इन मुद्दों को जनता के सामने प्रमुखता से उठाया जाएगा। महागठबंधन के नेताओं ने यह भी फैसला किया कि वे लोगों के बीच जाकर उनकी पीड़ाओं को सुनेंगे और उनके लिए उपाय खोजेंगे।

 

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