तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को भाजपा के कार्यों की आलोचना करते हुऐ , उनसे तमिल को आधिकारिक भाषा बनाने, हिंदी को थोपने से रोकने को कहा साथ में ही सेंगोल को स्थापित करने जैसे प्रतीकात्मक इशारों के बजाय तमिलनाडु के विकास को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की, तमिल संस्कृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया, लिखा, “अगर भाजपा का दावा है कि हमारे माननीय पीएम को तमिल से बहुत प्यार है, तो यह कभी भी कार्रवाई में क्यों नहीं दिखता?”
स्टालिन के हिंदी और संस्कृत भाषा के प्रति विरोधी सुझाव
स्टालिन ने सुझाव दिया कि “संसद में सेंगोल को स्थापित करने के बजाय, तमिलनाडु में केंद्र सरकार के कार्यालयों से हिंदी को हटा दें। खोखली प्रशंसा करने के बजाय, तमिल को हिंदी के बराबर आधिकारिक भाषा बनाएं और संस्कृत जैसी मृत भाषा की तुलना में तमिल के लिए अधिक धन दें मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु में संस्कृत और हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयासों की भी निंदा की। उन्होंने कहा, “तिरुवल्लुवर का भगवाकरण करने के हताशापूर्ण प्रयासों को रोकें और उनके कालजयी क्लासिक, तिरुक्कुरल को भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें।”
संस्कृत से भी हैँ नाराजगी
उन्होंने तमिलनाडु में सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के नामकरण में संस्कृत के इस्तेमाल पर भी असंतोष जताया । और तमिलनाडु में ‘हिंदी पखवाड़ा’ की बकवास (उनके बोल)पर करदाताओं का पैसा बर्बाद करना बंद करने कि हिदायत दें डाली । तमिलनाडु की ट्रेनों पर मूर्खतापूर्ण (उनके बोल )नाम अंत्योदय, तेजस और वंदे भारत जैसे संस्कृत नाम थोपने को खत्म करने के साथ । चेम्मोझी, मुथुनगर, वैगई, मलाईकोट्टई, थिरुक्कुरल एक्सप्रेस आदि जैसे नामों को तमिल में नाम देने की प्रथा को फिर से शुरू करने का सुझाव दिया
भाजपा के K.Annamalai नें करी आलोचना
इस बीच, भाजपा तमिलनाडु के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने तमिल भाषा के प्रचार पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की हालिया टिप्पणियों की आलोचना की है। एक्स पर एक ट्वीट में अन्नामलाई ने स्टालिन के तमिल को राज्य की सीमाओं से परे फैलाने के प्रयासों पर सवाल उठाते हुए पूछा, ” राज्य और केंद्र में सत्ता में रहते हुए तमिलनाडु की सीमाओं से परे हमारी तमिल भाषा का प्रचार करने में आपकी क्या उपलब्धियाँ रहीं? क्या किसी ने डीएमके को ऐसा करने से रोका?” अन्नामलाई ने तमिल विकास केंद्र कार्यक्रम की ओर भी इशारा किया, जिसे पिछली एआईएडीएमके सरकार ने शुरू किया था। उन्होंने पूछा, “पिछली एआईएडीएमके सरकार द्वारा शुरू किए गए तमिल विकास केंद्र कार्यक्रम को लागू करने के लिए आपने क्या प्रयास किए हैं?” भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि स्टालिन का असली इरादा तमिल भाषा को तमिलनाडु के भीतर ही सीमित रखना था |
अन्नामलाई ने कहा, “मामला आपकी मांगों का नहीं है; आपने हमेशा यही चाहा है कि तमिल हमारे राज्य की सीमाओं के भीतर ही सीमित रहे।” इसके अलावा, अन्नामलाई ने स्टालिन के प्रयासों की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से की, इस बात पर जोर देते हुए कि पीएम मोदी ने तमिलनाडु के बाहर तमिल भाषा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। उन्होंने सवाल किया, “क्या आपने तमिल भाषा और संस्कृति की समृद्धि को तमिलनाडु से बाहर फैलाने के लिए हमारे माननीय प्रधानमंत्री के प्रयासों का आधा प्रयास भी किया?”