आपने इंस्टाग्राम पर एक नई कार की तस्वीरें पोस्ट कीं, फेसबुक पर एक दुबई यात्रा का वीडियो पोस्ट किया, साथ ही व्हाट्सएप पर मित्रों को पत्राचार करते हुए कहा: “आज क्रिप्टो से शानदार लाभ हुआ.अब तक ये सिर्फ लाइक्स और टिप्पणी के लिए था, लेकिन अब इनकम टैक्स विभाग इन सब पर नज़र रखेगा. ठीक है, इनकम टैक्स अब आपके सभी सोशल मीडिया, ईमेल और डिजिटल वॉलेट पर नज़र रखेगा! आयकर विभाग एक नया कानून लाने वाला है जिसके माध्यम से आपकी हर ऑनलाइन गतिविधि की निगरानी की जाएगी— क्या फेसबुक पोस्ट्स, व्हाट्सएप चैट और इंस्टाग्राम स्टोरीज वास्तव में टैक्स चोरी कर सकते हैं? क्या आपके डिजिटल जीवन और बैंक अकाउंट भी सरकार द्वारा स्कैन किए जाएंगे? चलिए, पूरी कहानी जानें
कुछ बेहतर बदलने वाला है
यही कारण है कि वे पहले समझते हैं कि सरकार ऐसा क्यों कर रही है? भारत में लगभग सभी लोग टैक्स चोरी करते हैं। सरकार ने डिजिटल पेमेंट्स और बैंकिंग भुगतान पर काफी नियंत्रण स्थापित किया है, लेकिन क्रिप्टो, ऑनलाइन आय और डिजिटल भुगतान अभी भी पूरी तरह से देखे जाते हैं। अब सरकार आयकर कानून 1961 को बदलने वाली है और आयकर कानून 2025 में कई नए प्रावधान लाने वाली है।
टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए आयकर अधिकारियों को नए कानून ने ईमेल, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया पोस्ट, क्लाउड स्टोरेज और डिजिटल ट्रांजैक्शंस को स्कैन करने का अधिकार देगा। मतलब? यदि आपने क्रिप्टो में निवेश किया, बड़ी ट्रांजैक्शंस की, विदेश में संपत्ति खरीदी या महंगे खर्च किए और उसकी जानकारी सरकार को नहीं दी, तो आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी से उसका पता लगाया जा सकता है।
सोशल मीडिया कैसे सबूत बनेगा?
अब प्रश्न उठता है कि सोशल मीडिया से टैक्स चोरी का क्या अर्थ है? वास्तव में, बहुत से लोग अपनी असली आय को छिपाते हैं, लेकिन अपनी जीवनशैली को सोशल मीडिया पर प्रदर्शित करते हैं अगर कोई व्यक्ति महंगे होटलों में हर दिन पार्टी करता है और सिर्फ 5 लाख सालाना आय का दावा करता है..। यदि कोई बिजनेसमैन सिर्फ दस लाख रुपये का प्रॉफिट दिखाता है, लेकिन दुबई और लंदन के दौरे की फोटो पोस्ट करता है, तो कोई क्रिप्टो में लाखों रुपये कमाता है, लेकिन टैक्स रिटर्न में कुछ भी नहीं दिखाता है।
अब आयकर विभाग आपकी इन तस्वीरों और पोस्ट्स को देखेगा कि क्या वे आपकी घोषित आय और लाइफस्टाइल से मेल खाती हैं या नहीं! और ये सिर्फ सोशल मीडिया तक नहीं सीमित रहेगा! टैक्स चोरी का सबूत भी हो सकता है अगर कोई व्हाट्सएप पर अपने दोस्तों को कहता है, “भाई आज 10 लाख का क्रिप्टो में मुनाफा हुआ”, लेकिन टैक्स रिटर्न में क्रिप्टो निवेश नहीं दिखाता।
क्रिप्टो पर विशेष दृष्टि!
Income Tax Department पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी पर विचार कर रहा है। 2022 में, सरकार ने क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगाया और 1% TDS लगाया। लेकिन एक समस्या है कि बहुत से लोग पारस्परिक खरीद-बेच से क्रिप्टो खरीदते-बेचते हैं, जिससे सरकार को उनकी आय का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता।
WHATSAPP और TELIGRAM चैट की मदद से पता लगाएं कि कौन लोग इन्वेस्ट कर रहे हैं और टैक्स छुपा रहे हैं! रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग तेजी से बढ़ रही है, छोटे शहरों से भी लोग इसमें निवेश कर रहे हैं! 2035 तक भारत का क्रिप्टो मार्केट 2.5 अरब डॉलर से 15 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है! इसलिए सरकार अब डिजिटल
INCOME TAX, MOBILE और E-MAIL द्वारा भेजा जाएगा
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल उठता है: क्या इनकम टैक्स अधिकारी आपके कंप्यूटर, मोबाइल और ईमेल पर लॉग इन कर सकते हैं? इसलिए हाँ, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। Income Tax Bill 2025 की धारा 247 के तहत अधिकारी किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, क्लाउड स्टोरेज, ईमेल, व्हाट्सएप और टेलीग्राम डेटा तक पहुंच सकते हैं अगर उन्हें लगता है कि वहाँ टैक्स चोरी से जुड़े सबूत हैं। फिलहाल, धारा 132 अब डिजिटल वॉलेट्स, ERP सिस्टम और SaaS क्लाउड्स को भी शामिल करता है, हालांकि पहले से ही अधिकारी किताबों, बैंक रिकॉर्ड्स और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों की जांच कर सकते थे।
IT ने सोशल मीडिया पर क्या प्रभाव डाला?
अगर आप अपनी इनकम सही तरीके से डिक्लेयर कर रहे हैं, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं. अगर आप सोशल मीडिया पर महंगी लाइफस्टाइल दिखाते हैं, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न में कुछ और बताते हैं, तो जांच हो सकती है. अगर आप क्रिप्टो या डिजिटल एसेट्स में इन्वेस्ट कर रहे हैं और टैक्स नहीं भर रहे, तो बचना मुश्किल होगा.
तो ये था पूरा मामला! अब इनकम टैक्स विभाग हर चीज पर नज़र रखेगा, जैसे सोशल मीडिया, व्हाट्सएप चैट, बैंक अकाउंट्स और डिजिटल वॉलेट! इस नए कानून से टैक्स चोरी करना और भी मुश्किल हो जाएगा, खासकर डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में. तो अगर आपने अब तक अपनी आय और निवेश को सही तरीके से घोषित नहीं किया है, तो