रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भारत-चीन सीमा को लेकर दिए गए बयान को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने केवल पारंपरिक गश्त में आई अस्थायी बाधाओं का जिक्र किया था और राहुल गांधी द्वारा उनके नाम से कही गई बातें कभी नहीं कही गईं।
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी ने 3 फरवरी को संसद में अपने भाषण के दौरान सेना प्रमुख के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। रक्षा मंत्री ने कहा, “सेना प्रमुख ने केवल पारंपरिक गश्त में आई बाधा का उल्लेख किया था, जो कि अब हाल ही में हुई वापसी के बाद सामान्य हो गई है। सरकार ने इन तथ्यों को संसद में साझा किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी द्वारा सेना प्रमुख के नाम पर कही गई बातें पूरी तरह गलत हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर गैर-जिम्मेदाराना राजनीति कर रहे हैं।”
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भारतीय क्षेत्र है, जिसमें चीन ने प्रवेश किया है, तो वह 1962 के युद्ध के कारण अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है और 1963 में पाकिस्तान द्वारा चीन को अवैध रूप से सौंपे गए 5,180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की बात है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस ऐतिहासिक तथ्य पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
इससे पहले, सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि ‘मेक इन इंडिया’ की असफलता के कारण चीन भारतीय क्षेत्र में घुसा हुआ है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस तथ्य से इनकार कर रहे हैं कि चीन भारत की सीमा में घुसा हुआ है, लेकिन भारतीय सेना लगातार इस मुद्दे पर चीन से बातचीत कर रही है।
राहुल गांधी के इन दावों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जब राहुल गांधी लोकसभा में बोल रहे थे, तब स्पीकर ने उनसे चार बार अपने दावों को प्रमाणित करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने बिना कोई प्रमाण दिए सदन छोड़ दिया। रिजिजू ने कहा, “लोकसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी होती है कि वे तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। अगर उनके बयान को हल्के में लिया गया तो भविष्य में भी कोई भी नेता बिना प्रमाण के कुछ भी कहकर चला जाएगा। स्पीकर को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।”
यह मुद्दा संसद में गरमाया हुआ है और दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति को लेकर अडिग हैं।
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