मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण से पहले जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके बाद कम से कम आठ विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्षी विधायक “जय भीम” के नारे लगा रहे थे और भगत सिंह व बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीरों को हटाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। स्थिति को काबू में करने के लिए मार्शलों को बुलाया गया, जिन्होंने विधायकों को सदन से बाहर निकाला।
निलंबित विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी, पूर्व मंत्री गोपाल राय और दिल्ली कैंट से विधायक वीरेंद्र सिंह कादियान शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष विजेंदर गुप्ता द्वारा निलंबित किए जाने के बाद, आप के 11 विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना दिया।
AAP का BJP पर बड़ा आरोप
AAP ने आरोप लगाया कि दिल्ली सचिवालय और मंत्रियों के कार्यालयों से बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गई हैं। आतिशी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या बीजेपी को लगता है कि नरेंद्र मोदी, बाबा साहेब आंबेडकर और भगत सिंह से बड़े हैं? इससे पहले भी अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया था।”
उन्होंने आगे कहा कि संसद में मंत्रियों मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा के कार्यालयों से भी आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गई हैं और उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी गई है।
BJP का पलटवार
भाजपा ने आप के आरोपों को खारिज कर दिया। BJP विधायक तर्विंदर सिंह मारवाह ने कहा, “सीएम कार्यालय में डॉ. बी.आर. आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें अभी भी मौजूद हैं। वे सिर्फ झूठ बोल रहे हैं।”
उपराज्यपाल का संबोधन और सरकार की प्राथमिकताएं
एल-जी के अभिभाषण के बाद, विधानसभा सत्र दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अपने संबोधन में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा कि यमुना को पूरी तरह से साफ और पुनर्जीवित किया जाएगा, साथ ही दिल्लीवासियों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करेगी।
“सरकार की प्राथमिकता सड़कों में सुधार, राजस्व बढ़ाने और रोजगार बढ़ाने वाली योजनाओं को लागू करने पर होगी। हमारा लक्ष्य स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में नंबर 1 पर आना है। दिल्ली को वर्ल्ड-क्लास सिटी बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।”
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