उत्तरी प्रदेश के बागपत में रहने वाले दो युवकों ने पोलैंड में नौकरी पाने का अवसर नहीं छोड़ा। जब उन्हें पता चला कि उनकी नौकरी पक्की हो गई है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोनों युवक पोलैंड जाने की तैयारियों में जुट गए और वहां के लिए रवाना हो गए।पोलैंड जाने से पहले, उन्होंने जाना कि उनकी यात्रा दुबई होते हुए होगी। दोनों इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे और बिना किसी दिक्कत के दुबई के लिए उड़ान भर दी। लेकिन Dubai Airport पर पहुंचते ही उनके साथ एक बड़ी मुसीबत हुई। उन्हें दिल्ली के IGI Airport पर वापस भेज दिया गया।
डॉक्यूमेंट में खुली साजिश की पोल
Indira Gandhi International Airport पहुंचने पर ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारियों ने फिर से उनके दस्तावेजों की जांच की। स्क्रूटनी के दौरान पाया गया कि उनके पासपोर्ट पर लगा पोलैंड का वीजा फर्जी था। यह जानकर दोनों युवकों के पैरों तले जमीन खिसक गई। वे अब समझ गए थे कि वे एक बड़ी ठगी का शिकार हो चुके हैं और उनसे लाखों रुपये पोलैंड के फर्जी वीजा के नाम पर लिए गए हैं।स्क्रूटनी और प्रारंभिक पूछताछ के बाद, दोनों युवकों को ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने आगे की जांच के लिए IGI Airport Police को सौंप दिया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 318(3), 340(2) और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, उनसे पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
पोलैंड के वीजा के लिए खर्च किए थे लाखों रुपये
Indira Gandhi International Airport की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, दोनों युवकों की पहचान 25 वर्षीय सौरव कुमार और 27 वर्षीय सुमित कुमार के रूप में हुई है।