नए साल की शुरुआत में निवेशकों में जो आशा और उत्साह था, वह सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट के रूप में बदल गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई, और निवेशकों ने बड़ी मात्रा में स्टॉक्स को बेचना शुरू कर दिया। इसका मुख्य कारण था, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा ह्यूमन मेटाप्नेमोवायरस (HMPV) के दो मामलों का कर्नाटका में पता लगाना। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि इन रोगियों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं था, फिर भी HMPV के डर ने बाजार को प्रभावित किया, खासकर जब यह वायरस पहले चीन में तेजी से फैलने की खबरें आ रही थीं।
HMPV वायरस का डर
यह वायरस चीन में तेजी से फैलने के कारण निवेशकों के बीच डर और अनिश्चितता का माहौल बन गया। याद रखें, COVID-19 महामारी भी चीन से शुरू हुई थी, और दुनिया अभी तक इसके प्रभाव से पूरी तरह उबर नहीं पाई है। इस वजह से, भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता का माहौल पैदा हुआ और भारत VIX, यानी बाजार की भय सूचकांक, में 15.58% की बढ़ोतरी हुई, जो बाजार के लिए चिंताजनक संकेत था।
प्रमुख कंपनियों में गिरावट
इसके अलावा, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। आईटीसी के शेयर 2.75% गिरकर ₹442.50 पर बंद हुए, क्योंकि कंपनी ने ITC होटल्स के मूल्य निर्धारण के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया था, जिससे निवेशकों में असमंजस पैदा हुआ। इसी तरह, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर भी क्रमशः 2.23% और 3% गिर गए, जो बैंकिंग क्षेत्र में चिंताओं को बढ़ा रहे थे।
FII की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा निरंतर बिकवाली भी गिरावट का एक प्रमुख कारण था। 5 जनवरी को, एफआईआई ने ₹4,227.25 करोड़ के शेयर बेचे। इसके अलावा, दिसंबर में एफआईआई ने भारतीय शेयरों में ₹16,982.48 करोड़ की बिकवाली की, जबकि नवंबर में यह आंकड़ा ₹45,974.12 करोड़ था।
PSU बैंकों में भारी बिकवाली
पीएसयू बैंकों के शेयरों में भी भारी बिकवाली देखी गई। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 4% गिरकर 6,354.15 के स्तर पर पहुंच गया। इसमें शामिल सभी 12 कंपनियां नुकसान में रहीं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शेयर 7.54% गिरकर ₹114.70 पर बंद हुए, क्योंकि बैंक के घरेलू जमा में कमी आई थी।
वैश्विक संकेत
चीन में, युआन 16 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया और वहां के प्रमुख स्टॉक्स में भी गिरावट आई। इससे चिंताएं बढ़ीं और निवेशकों को लगा कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की संभावित वापसी का भी असर पड़ सकता है।
6 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार में आई इस बड़ी गिरावट के कई कारण थे, जिसमें HMPV वायरस की चिंता, वैश्विक बाजारों से नकारात्मक संकेत, और विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली प्रमुख थे। इसके अलावा, प्रमुख भारतीय कंपनियों और पीएसयू बैंकों में भी निराशाजनक प्रदर्शन ने बाजार को और कमजोर किया। इन सभी कारणों ने निवेशकों के मन में अस्थिरता पैदा की, जिसके परिणामस्वरूप बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली।