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Thursday, March 13, 2025

Hindenburg Research Shut Down: Gautam Adani को अरबों का नुकसान पहुंचाने वाला शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद, दुकान में लगा ताला

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अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसने जनवरी 2023 में अडानी समूह के खिलाफ विवादित रिपोर्ट जारी की थी, अब बंद हो गया है। कंपनी के फाउंडर नेट एंडरसन ने इस फैसले की घोषणा की है। हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम उस समय सुर्खियों में आया था जब इसने अडानी समूह के शेयरों पर शॉर्ट सेलिंग की और समूह पर गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी और बाजार में हेराफेरी के आरोप लगाए थे।

नेट एंडरसन का बयान: हिंडनबर्ग रिसर्च बंद क्यों किया?

नेट एंडरसन ने एक बयान में कहा कि उन्होंने पिछले साल के अंत से अपने परिवार, दोस्तों और टीम के साथ इस फैसले को साझा किया था और अंततः हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, “हमने अपनी निवेशगर्त गतिविधियों और कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया है, जिनमें पोंजी स्कीमों से जुड़े अंतिम प्रोजेक्ट्स भी शामिल थे, जिसके बाद कंपनी को बंद करने का विचार आया।” हिंडनबर्ग रिसर्च की गतिविधियों पर विराम लगने के साथ, एंडरसन ने कंपनी को बंद करने का निर्णय लिया है।

अडानी समूह पर लगाए थे गंभीर आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए अडानी समूह के शेयरों पर शॉर्ट सेलिंग की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडानी समूह के स्टॉक्स उनकी उचित वैल्यू से 85 प्रतिशत महंगे हैं और समूह ने बाजार में हेराफेरी की है। इसके साथ ही, अकाउंटिंग फ्रॉड और अन्य वित्तीय अनियमितताओं का आरोप भी लगाया गया था। रिपोर्ट के परिणामस्वरूप अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई, और इसका असर अडानी समूह के बाजार पूंजीकरण पर भी पड़ा। रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों का कुल बाजार मूल्य 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक घट गया था।

इसके अलावा, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अडानी इंटरप्राइजेज को 20,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) रद्द करना पड़ा, जिससे अडानी समूह की वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर पड़ा।

अडानी समूह की प्रतिक्रिया

अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर कड़ा जवाब दिया था। समूह ने कहा था कि “हमें हैरानी हुई कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क किए बिना और तथ्यों की सत्यता जांचे बिना अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की। यह रिपोर्ट चुनिंदा गलत सूचनाओं और निराधार आरोपों का मिश्रण है।” अडानी समूह ने यह भी कहा था कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को भारत के सर्वोच्च न्यायालयों द्वारा पहले ही खारिज किया जा चुका है और यह रिपोर्ट पूरी तरह से बदनाम करने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई थी।

अडानी समूह ने रिपोर्ट की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए थे और इसे एक साजिश करार दिया था। समूह ने दावा किया था कि रिपोर्ट का उद्देश्य उनकी कंपनी को बदनाम करना था, खासतौर पर जब वे एक महत्वपूर्ण पूंजी जुटाने की प्रक्रिया से गुजर रहे थे।

क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च का भविष्य?

अब जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने कार्यों को समाप्त कर दिया है, तो सवाल उठता है कि क्या इस विवाद के बाद कंपनी के भविष्य में कोई और कदम उठाएंगे। हालांकि, एंडरसन ने स्पष्ट किया है कि कंपनी की समाप्ति के बाद उनके पास अन्य निवेश और परियोजनाओं के लिए ध्यान केंद्रित करने का समय होगा, लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च के लिए यह एक समापन का क्षण है।

अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच का यह विवाद अभी भी पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। अडानी समूह की स्थिरता और वित्तीय स्वास्थ्य पर उठाए गए सवालों ने बाजार में हलचल मचाई थी। हालांकि, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मामला अब पूरी तरह से शांत हो जाएगा या फिर इसके नए मोड़ सामने आएंगे।

निष्कर्ष

हिंडनबर्ग रिसर्च का बंद होना अडानी समूह और निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। कंपनी ने जहां एक तरफ अपनी अंतिम परियोजनाओं को पूरा करने के बाद बंद होने का निर्णय लिया, वहीं दूसरी ओर अडानी समूह ने इस रिपोर्ट को निराधार और बदनाम करने वाला करार दिया। अब जबकि हिंडनबर्ग ने अपना कार्य समाप्त कर लिया है, इस विवाद के बाद अडानी समूह की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

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Pratishtha Agnihotri
Pratishtha Agnihotri
Pratishtha Agnihotri is a business journalist. She is working as an Editor at Business Headline. Earlier she was working with India Today Group's Business Today Bazaar.
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