अपनी मांगों को लेकर पंजाब राज्य के किसान सरकार के सामने खड़े हैं इसी बीच चंडीगढ़ और बरनाल जिले में कई नेताओं के घर में पुलिस भी आई जिनमें भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां प्रमुख है साथ ही 5 मार्च को चंडीगढ़ से लगने वाले मोर्चे के लिए मानसा पुलिस की ओर से बीती रात को किसानों के घरों में छापेमारी कर मानसा जिले के दर्जन भर किसानों को हिरासत में लिया गया

भगवंत मान और किसानों की मीटिंग
सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा SKM के 40 नेताओं ने भगवंत मान के साथ बैठक की लेकिन इस मीटिंग के दौरान हुई बहस के बाद भगवंत मान उठकर चले गए जिस पर किसानों ने नाराजगी भी जताई इसके बाद किसान नेताओं ने मीडिया को बताया कि उनकी मीटिंग बहुत अच्छी चल रही थी पर इसी बीच कुछ मांगों को लेकर बहस हुई इसके बाद मुख्यमंत्री ने किसानों की बेज्जती की और कहा कि आप लोग सड़कों पर मत बैठा करो इसके बाद मुख्यमंत्री ने हमसे 5 तारीख को होने वाले प्रोग्राम के बारे में जानकारी मांगी
पहली दफा किसी मुख्यमंत्री को ऐसा करते देखा गया
किसान नेता जोगिंदर सिंह ने बताया कि ’पहली दफा किसी cm को ऐसा करते देखा गया वे बैठक छोड़ के चले गए सीएम ने गुस्से में मीटिंग से वॉक आउट कर दिया सीएम ने कहा कि मैने धरने के डर से बैठक नहीं बुलाई जाओ कर लो धरना’
किसानों की मांगे
किसानों की प्रमुख मांगों में 1 जनवरी 2023 से सरहिंद फीडर नहर पर स्थापित मोटरों के बिजली बिलों को माफ करना, 2024-25 तक सरकारी भूमि पटों से संबंधित मुद्दों को हल करना, पशुओं से फसल नुकसान को रोकने के लिए किसानों को राइफल लाइसेंस जारी करना, प्रीपेड बिजली मीटर लागू करना, किसानों को नैनो पैकेजिंग और अन्य उत्पादों की जबरन आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाना, बाढ़ से हुए गन्ने की फसल के नुकसान का मुआवजा देना, सहकारी समितियां में नए खाता खोलने पर प्रतिबंध हटाना, उप समितियां बनाना और राष्ट्र भूमि अनुसंधान अधिनियम के तहत किसानों की मांगों का समाधान करना, सरकार और किसानों के बीच एक उप समिति का गठन,सरकारी विभागों के समान किसानों के नाबार्ड ऋण के लिए एकमुश्त निपटान योजना शुरू करना शामिल है|