INDIA का EDTECH सेक्टर तेजी से विस्तार कर रहा है, और 2029 तक इसका योगदान देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में चार गुना बढ़ने की संभावना है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि डिजिटल शिक्षा के बढ़ते उपयोग, इंटरनेट की सुलभता और सरकारी नीतिगत समर्थन का परिणाम है।
फिलहाल, एडटेक उद्योग GDP में लगभग 10 बिलियन डॉलर का योगदान दे रहा है, लेकिन अगले छह वर्षों में यह आंकड़ा 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। 35% की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) के साथ, यह सेक्टर देश के आर्थिक विकास का अहम हिस्सा बनने जा रहा है।
विकास के मुख्य कारण
EDTECH की यह तेजी कई कारणों से संभव हुई है। सस्ते स्मार्टफोन और इंटरनेट की उपलब्धता ने देश के दूर-दराज इलाकों तक शिक्षा को पहुंचाया है। कोविड-19 महामारी ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देते हुए डिजिटल लर्निंग को और मजबूती दी।
इसके अलावा, नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने डिजिटल साक्षरता और तकनीकी शिक्षा पर जोर देकर इस क्षेत्र को आगे बढ़ने का अवसर दिया है। अब विद्यार्थी कौशल-आधारित और व्यक्तिगत शिक्षा की ओर अधिक झुकाव दिखा रहे हैं, जिससे एडटेक प्लेटफॉर्म्स की मांग तेजी से बढ़ी है।
निवेश और रोजगार के नए अवसर
एडटेक उद्योग में भारी निवेश हो रहा है। घरेलू और विदेशी निवेशकों से फंडिंग में पिछले पांच वर्षों में दस गुना वृद्धि हुई है। BYJU’S, Unacademy, और Vedantu जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2029 तक यह उद्योग 15 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर पैदा कर सकता है। यह रोजगार सृजन भारत को डिजिटल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
चुनौतियों का सामना
हालांकि, एडटेक सेक्टर के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। इनमें डेटा गोपनीयता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच और नियामकीय बाधाएं शामिल हैं। इन समस्याओं का समाधान करना इस क्षेत्र के सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
भविष्य की संभावनाएं
EDTECH सेक्टर भारत के शिक्षा क्षेत्र को बदलने और आर्थिक विकास में अहम योगदान देने के लिए तैयार है। 2029 तक, यह उद्योग देश की डिजिटल शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है।