स्टार्टअप क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, 2025 में मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे और स्थायी वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्टार्टअप फंडिंग में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल सकता है। इस सुधार का मुख्य कारण उन संस्थापकों को मिलेगा, जिन्होंने हालिया फंडिंग सर्दी (funding correction) के दौरान परिचालन लचीलापन, स्थिर मीट्रिक्स और स्पष्ट मूल्य निर्माण मार्गदर्शिकाओं को प्रदर्शित किया है, जिन्हें निवेशकों से अधिक रुचि मिल सकती है।
2024 में निवेश का बढ़ता रुझान
Bloomberg डेटा के अनुसार, भारत में जनवरी से नवंबर 2024 के बीच वेंचर कैपिटल (VC) गतिविधि ने 888 डील्स में 16.77 बिलियन डॉलर का निवेश हासिल किया, जो 2023 की समान अवधि में 729 डील्स में 14.69 बिलियन डॉलर था। यह बढ़ती प्रवृत्ति 2025 में और तेज होने की संभावना है।
निवेशकों की बढ़ती रुचि
लाइटबॉक्स इंडिया एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक संदीप मुरथी ने कहा, “इस साल हमारे पोर्टफोलियो कंपनियों में लेट-स्टेज निवेशकों की बढ़ती रुचि देखी गई है। कई कंपनियों ने लाभप्रदता की संभावनाओं को प्रदर्शित किया है, जिनके पास अलग-अलग व्यापार मॉडल और वास्तविक मापदंडों पर ध्यान केंद्रित है।”
वैश्विक निवेश माहौल और भारत के लिए उम्मीदें
वैश्विक स्तर पर, वीसी परिदृश्य भी तेज़ी से उभर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे भू-राजनीति स्थिर होती है और निवेशक विश्वास लौटता है, निवेश गतिविधि में और तेजी आएगी। 3one4 Capital के संस्थापक और CIO प्रणव पई ने कहा, “अमेरिकी टेक IPO बाजारों का फिर से खुलना, सार्वजनिक तुलना में वृद्धि और भारत का $5 ट्रिलियन GDP के पार जाना भारतीय उद्यमियों और निजी बाजार फंडिंग के लिए सकारात्मक संकेत होंगे।”
AI और उभरते क्षेत्र
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) स्टार्टअप्स ने 2024 के तीसरे क्वार्टर में वैश्विक स्तर पर 18.9 बिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की, जो कुल वीसी निवेश का 28% था। भारत में, शुरुआती चरण की कंपनियां और क्षेत्र जैसे गहरी तकनीक (deeptech), स्थिरता (sustainability), और उपभोक्ता प्रौद्योगिकी (consumer technology) 2025 में फंडिंग वृद्धि को प्रेरित करेंगे। कर्मा होल्डिंग्स के निवेशक सोमदत्ता सिंह ने कहा, “सरकार की सकारात्मक नियामक पहलों और संस्थागत समर्थन इस वृद्धि को उत्प्रेरित करेंगे।”
स्थिर वृद्धि की ओर रुझान
हालांकि, 2021-2022 के फंडिंग उन्माद की पुनरावृत्ति की संभावना नहीं है, जिसे अक्सर “मुफ्त पैसे” के युग के रूप में वर्णित किया गया था। 2023 में फंडिंग विंटर के कारण निवेशकों और संस्थापकों ने आक्रामक विस्तार के बजाय स्थिर वृद्धि को प्राथमिकता दी। इस वर्ष 14% की वृद्धि के साथ 10.9 बिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त हुई है, और कई कंपनियों ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के साथ पब्लिक मार्केट्स में लिस्टिंग की, जैसे स्विग्गी, ओला इलेक्ट्रिक, और फर्स्टक्राई।
2025 में IPO की उम्मीदें
2025 में अधिक कंपनियां, जैसे ईकॉम एक्सप्रेस और एथर एनर्जी, आईपीओ लाने की योजना बना रही हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सुधारित फंडिंग माहौल से एक संतुलित और चयनात्मक दृष्टिकोण बनेगा। प्रणव पई ने कहा, “हम स्थायी यूनिट इकॉनॉमिक्स, मजबूत गवर्नेंस और सार्थक आईपीओ परिणामों की ओर शिफ्ट की उम्मीद करते हैं।”
निवेशकों का दृष्टिकोण बदल रहा है
इस बदलाव का मतलब है कि स्टार्टअप इकोसिस्टम अब परिपक्व हो रहा है, और निवेशक अब त्वरित निकासी के बजाय स्थिरता को प्राथमिकता दे रहे हैं। सोमदत्ता सिंह ने कहा, “यह एक स्वस्थ फंडिंग ट्रैजेक्ट्री बनाएगा, जो आने वाले वर्षों में स्थिर विकास सुनिश्चित करेगा।”
2025 में भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक नई शुरुआत और परिपक्वता का दौर हो सकता है, जो स्थायी और गुणवत्तापूर्ण वृद्धि की ओर अग्रसर होगा।