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Thursday, March 13, 2025

2060 तक इस्लाम बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा धर्म, मुस्लिम जनसंख्या में 70% तक वृद्धि का अनुमान: रिपोर्ट

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दुनिया भर में धर्मों का प्रसार और उनकी जनसंख्या वृद्धि पर लगातार अध्ययन किए जाते रहे हैं, ताकि समाजों और सांस्कृतिक बदलावों को समझा जा सके। एक ताजे अध्ययन के अनुसार, इस्लाम आने वाले दशकों में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा, जो वर्तमान में सबसे बड़े धर्म, ईसाई धर्म को पछाड़ देगा। Pew Research Center द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह भविष्यवाणी की गई है कि इस्लाम की जनसंख्या 2060 तक लगभग 70 प्रतिशत तक बढ़ेगी, और 3 अरब का आंकड़ा पार कर जाएगी। इस रिपोर्ट में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती धार्मिक जनसंख्या पर विस्तार से चर्चा की गई है, और यह समझने का प्रयास किया गया है कि इसके कारण क्या हैं।

इस्लाम की बढ़ती जनसंख्या: कारण और भविष्यवाणी

Pew Research Center के अनुसार, इस्लाम वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जबकि ईसाई धर्म पहले स्थान पर है। 2015 में, मुस्लिमों की वैश्विक जनसंख्या लगभग 1.8 अरब थी, और यह 2060 तक बढ़कर लगभग 3 अरब तक पहुंचने का अनुमान है। इस वृद्धि के तीन मुख्य कारण हैं: युवा जनसंख्या, उच्च जन्म दर और धर्मांतरण की प्रथा। रिपोर्ट के अनुसार, इन कारणों से इस्लाम की जनसंख्या सबसे तेजी से बढ़ रही है।

  1. युवा जनसंख्या: मुस्लिम समुदाय की औसत आयु बहुत कम है। Pew की 2010 की रिपोर्ट के अनुसार, 34 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की है। इसके कारण मुस्लिम समुदाय के पास बड़ी संख्या में प्रजनन योग्य आयु के लोग हैं, जो जन्म दर को उच्च बनाए रखते हैं।
  2. उच्च जन्म दर: मुस्लिम महिलाओं की औसत प्रजनन दर 3.1 है, जबकि ईसाई महिलाओं की प्रजनन दर 2.7 है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि मुस्लिम समुदाय में बच्चों की संख्या अधिक हो रही है, जो जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।
  3. धर्मांतरण की प्रथा: इसके अलावा, मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण की प्रथा भी एक कारण है, जिससे विभिन्न देशों में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। हालांकि यह आंकड़ा कम हो सकता है, फिर भी इसे एक योगदानकर्ता कारक के रूप में माना जा सकता है।

ग्लोबल जनसंख्या वृद्धि और इस्लाम की बढ़ती जनसंख्या

Pew Research के अनुमान के अनुसार, 2060 तक वैश्विक जनसंख्या 32 प्रतिशत तक बढ़ेगी, जबकि मुस्लिम जनसंख्या में 70 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस वृद्धि का मुख्य कारण है मुस्लिम समुदाय के उच्च जन्म दर और युवा जनसंख्या। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि उप-सहारा अफ्रीका और मध्य-पूर्व जैसे क्षेत्रों में मुस्लिमों की संख्या में वृद्धि होगी, जहां वैश्विक जनसंख्या वृद्धि दर सबसे अधिक है।

भारतीय मुस्लिम जनसंख्या का भविष्य

भारत में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि पर भी ध्यान दिया गया है। Pew रिपोर्ट के अनुसार, 2060 तक भारत की मुस्लिम जनसंख्या 19.4 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जो कि 2015 में 14.9 प्रतिशत थी। इसका मतलब है कि भारत में मुस्लिम जनसंख्या 2060 तक लगभग 33 करोड़ तक पहुंच जाएगी। यह वृद्धि अन्य धर्मों के मुकाबले बहुत अधिक होगी।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में ईसाई जनसंख्या में 34 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जबकि हिंदू जनसंख्या की वृद्धि केवल 27 प्रतिशत होगी, जो कि वैश्विक जनसंख्या वृद्धि दर से कम है। वर्तमान में, हिंदू और ईसाई धर्म क्रमशः वैश्विक जनसंख्या का 15 और 34 प्रतिशत हिस्सा हैं।

मुस्लिम जनसंख्या के बढ़ने के प्रभाव

मुस्लिम जनसंख्या में इस तेजी से हो रही वृद्धि के कई सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रभावों पर हम आगे चर्चा करेंगे:

  1. सांस्कृतिक विविधता का विस्तार: मुस्लिम जनसंख्या के बढ़ने से दुनिया भर में सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक समृद्धि का विस्तार होगा। इस्लाम के विभिन्न सिद्धांत और सांस्कृतिक प्रथाएँ विभिन्न देशों में फैल सकती हैं, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा मिलेगा।
  2. आर्थिक विकास और युवा जनसंख्या: चूंकि मुस्लिम समुदाय में बड़ी संख्या में युवा लोग हैं, यह आने वाले दशकों में वैश्विक श्रम बाजार को प्रभावित कर सकता है। युवाओं की बड़ी संख्या से कार्यबल मजबूत हो सकता है, जिससे देशों की आर्थिक वृद्धि में योगदान हो सकता है।
  3. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव: उच्च जनसंख्या वृद्धि का एक महत्वपूर्ण परिणाम यह हो सकता है कि देशों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा। विशेष रूप से विकासशील देशों में यह एक चुनौती हो सकती है, जहां मुस्लिम जनसंख्या अधिक बढ़ रही है।

विभिन्न क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि

Pew Research Center ने यह भी अध्ययन किया है कि विभिन्न क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि का क्या असर होगा:

  1. मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका: इन क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या का उच्चतम वृद्धि दर देखने को मिलेगा। यहां की युवा जनसंख्या और उच्च जन्म दर इस वृद्धि का प्रमुख कारण हैं।
  2. उप-सहारा अफ्रीका: उप-सहारा अफ्रीका में भी मुस्लिम जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होगी। यहां की मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर 12 प्रतिशत तक हो सकती है, जो 2050 तक अधिकतम होगी।
  3. एशिया: एशिया में भी मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि होगी, खासकर भारत और पाकिस्तान में। भारत में मुस्लिम जनसंख्या का प्रतिशत 2060 तक 19.4 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि पाकिस्तान में यह आंकड़ा और अधिक होगा।

निष्कर्ष

Pew Research Center द्वारा किए गए अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि इस्लाम आने वाले दशकों में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा। इसकी प्रमुख वजहें उच्च जन्म दर, युवा जनसंख्या और धर्मांतरण की प्रथा हैं। 2060 तक मुस्लिम जनसंख्या 3 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, और भारत जैसे देशों में मुस्लिम जनसंख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। इस बदलाव का वैश्विक समाज, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि धर्मों के बीच के असंतुलन और वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप विभिन्न देशों में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव हो सकते हैं। हमें इस परिवर्तन को समझने और इसके प्रभावों को सावधानी से देखते हुए, सामाजिक समरसता और अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

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