प्रधानमंत्री Narendra Modi राज्यसभा में गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस की कड़ी आलोचना की तथा अपनी पार्टी के शासन मॉडल की सहारण की। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए उसे पर झूठ, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर आधारित राजनीति के मॉडल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा, “जहां इन सभी चीजों का मिश्रण है, वहां ‘सबका साथ, सबका विकास’ नहीं हो सकता। कांग्रेस के मॉडल में सर्वोच्च ‘परिवार पहले’ है और यही वजह है कि उनकी नीतियां और लहजा हमेशा इस पर केंद्रित रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस से ‘सबका साथ, सबका विकास’ की अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती होगी। यह उनकी सोच समझ के बाहर है और उनके रोडमैप में भी यह शूट नहीं करता क्योंकि जब इतना बड़ा दल, एक परिवार को समर्पित हो गया है, तो उसके लिए ‘सबका साथ, सबका विकास’ संभव नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो।
हमने संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाया है। हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है की योजनाएं बिना किसी गड़बड़ी के लाभार्थियों तक पहुंचे। पिछले दशक में हमने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की आदर्श के साथ काम किया है और इसके परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा, “हमने दलितों और उत्पीड़ित समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए SC, ST कानूनों को मजबूत किया”।
सामाजिक समरसता पर प्रधानमंत्री Modi ने कहां की समाज में जातिवाद का जहर फैलाने की कोशिशें अब गलत इरादे वाले लोग कर रहे हैं। उन्होंने OBC पैनल को संवैधानिक दर्जा देने के भाजपा के महत्वपूर्ण फैसले की ओर इशारा किया जिसकी मांग पिछली कांग्रेस सरकारों ने लंबे समय तक नजरअंदाज की थी। कांग्रेस सरकार के अतीत को याद करते हुए पीएम ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने कभी भी B.R Ambedkar को भारत रत्न नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में दो बार उन्हें हराने की कोशिश की थी। Modi ने कहा, “आज कांग्रेस को ‘जय भीम’ कहने पर मजबूर होना पड़ रहा है”। आर्थिक मुद्दों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर “लाइसेंस परमिट राज” लागू करने के लिए हमला बोला, इसके बारे में उन्होंने कहा कि उसने भारत की आर्थिक वृद्धि को बाधित किया है। उन्होंने इसकी तुलना मौजूदा सरकार के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने से की इसके बारे में उनका मानना है कि वह भारत को विकासशील देश से विकसित देश में बदलने की कुंजी है।
भाजपा की पहलों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने ’टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम’ और ‘खेलो इंडिया’ जैसी योजनाओं के माध्यम से खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में सरकार की सफलता को साझा किया जिससे महिलाओं सहित भारतीय एथलीटों ने वैश्विक मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए शिक्षा सुधारो के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसमें मातृभाषा में शिक्षा के प्रावधान शामिल हैं और इसका उद्देश्य देश के भावी कार्यबल को बढ़ाना है। प्रधानमंत्री Modi ने अपने संबोधन का समापन लंबे समय से लंबित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पूरा होने पर बोलते हुए किया, जैसे कि जम्मू और कश्मीर में उधमपुर श्रीनगर बारामुल्ला रेलवे लाइन, जिसे 1994 मैं मंजूरी मिलने के बाद 2025 में पूरा किया जाएगा।
इन टिप्पणियों के साथ प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के भविष्य के लिए भाजपा के दृष्टिकोण का सार समाहित था, तथा उन्होंने इसकी तुलना कांग्रेस के ऐतिहासिक शासन से की तथा इस प्रकार अपनी पार्टी की नीतियों के लिए निरंतर जनादेश के लिए अपना आह्वान दोहराया।