आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 11 फरवरी को दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्य के मंत्रियों और विधायकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में दिल्ली चुनाव में मिली करारी हार और 2027 के पंजाब विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा होगी।
8 फरवरी को घोषित हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में AAP को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। पार्टी को सिर्फ 22 सीटें मिलीं, जो 2020 के चुनाव में मिली 62 सीटों से काफी कम हैं। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की।
इस बीच, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि पंजाब में 30 से अधिक AAP विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं और पार्टी बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव के नतीजे साबित करते हैं कि AAP की लोकप्रियता तेजी से गिर रही है।
AAP पर कांग्रेस नेता का तीखा हमला
बाजवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली में करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिससे “झूठ और दिखावे की राजनीति का अंत” हो गया है। उन्होंने AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा, “केजरीवाल ने खुद कहा था कि अगर मैं भ्रष्ट हूं, तो जनता मुझे वोट नहीं देगी। अब जब वह अपनी सीट हार गए, तो क्या इसका मतलब यह है कि दिल्ली की जनता उन्हें भ्रष्ट मानती है?”
प्रताप बाजवा ने पंजाब सरकार को भी निशाने पर लिया और कहा कि AAP ने 2022 के चुनाव में किए गए वादों को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, “भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने बड़े-बड़े वादे करके पंजाब के लोगों को गुमराह किया। महिलाओं को हर महीने ₹1000 देने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। सरकार ने खनन से ₹20,000 करोड़ जुटाने का दावा किया था, लेकिन इसमें भी कोई प्रगति नहीं हुई।”
पंजाब में AAP सरकार को खतरा?
बाजवा ने आगे कहा कि पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है और इसके कई मंत्री एवं नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की कि AAP को 2027 के पंजाब चुनाव में भी करारी हार मिलेगी।
दिल्ली चुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए खतरे की घंटी माने जा रहे हैं। पार्टी को अब न केवल दिल्ली में हार का सामना करना पड़ा है, बल्कि पंजाब में भी उसके विधायकों के टूटने की चर्चा हो रही है। अरविंद केजरीवाल की 11 फरवरी को होने वाली बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होगी और यह देखा जाएगा कि पार्टी अपनी स्थिति सुधारने के लिए क्या रणनीति बनाती है।
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