खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने इस बार उस स्थान के बाहर प्रदर्शन किया, जहां विदेश मंत्री एस जयशंकर चैथम हाउस इंग्लैंड में आयोजित एक चर्चा में भाग ले रहें थे।प्रदर्शनकारी इमारत के बाहर इकट्ठा हुऐ उनके हाथों में झंडे और स्पीकर थे और वह विरोधी नारे लगा रहे थे।
जयशंकर नें शेयर करी मीटिंग कि जानकारी
यूनाइटेड किंगडम की अपनी मौजूदा यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, विदेश सचिव डेविड लैमी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की थी। यूके की गृह सचिव यवेट कूपर के साथ हुईं अपनी बैठक में, बताते हुऐ जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओ प्रतिभा के प्रवाह और भारत और यूके के बीच “तस्करी और उग्रवाद” से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों जैसे क्षेत्रों पर चर्चा करी गयीं हैँ
जनवरी मे भी एक बार कर चुके हैँ उग्र प्रदर्शन
जनवरी कि शुरुआत मे भी खालिस्तान चरमपंथियों का एक समूह लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुआ था।उन्होंने पहले लंदन के हैरो शहर में एक सिनेमाघर पर हमला किया था और कंगना रनौत अभिनीत फिल्म “इमरजेंसी” की स्क्रीनिंग को रोकने का प्रयास किया था।
‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग करने वाले कुछ यूके सिनेमाघरों में खालिस्तानी ताकतों द्वारा किए जा रहे उत्पात के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, “हम भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में यूके सरकार के साथ लगातार चिंता व्यक्त करते हैं, बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है और इसे बाधित करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए”।
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यूके पक्ष जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा। लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और कल्याण के लिए नियमित रूप से उनके साथ संपर्क में रहता है। हम उम्मीद करते हैं कि यूके पक्ष इस मामले में सख्त उचित कार्रवाई करेगा”।
आये दिन होते है प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि 2023 में, लंदन में भारतीय उच्चायोग को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंसक हमले का सामना करना पड़ा था, जो खालिस्तान के मुद्दे को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे, जैसा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बताया था