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Friday, March 14, 2025

केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट को मोदी सरकार की हरी झंडी, निर्माण के बाद सिर्फ 36 मिनट में यात्रा होगी पूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई। यह परियोजना 12.9 किलोमीटर लंबी होगी। इस पर करीब 4081 करोड़ रुपये का खर्च होंगे। रोपवे परियोजना की शुरुआत सोनप्रयाग से होगी और यह केदारनाथ तक जाएगी। रोपवे परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी से विकसित किया जाएगा।केदारनाथ रोपवे परियोजना पर सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई। यह परियोजना 12.9 किलोमीटर लंबी होगी। इस पर करीब 4081 करोड़ रुपये का खर्च होंगे। रोपवे परियोजना की शुरुआत सोनप्रयाग से होगी और यह केदारनाथ तक जाएगी।

रोपवे परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी से विकसित किया जाएगा। केदारनाथ रोपवे परियोजना पर सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। रोपवे को ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस)तकनीक से निर्मित किया जाएगा।

हर घंटे एक तरफ कुल 1800 लोग रोपवे के माध्यम से यात्रा कर सकेंगे। वहीं पूरे दिन प्रतिदिन 18000 लोग यात्रा कर सकेंगे। खास बात यह है कि अभी तक केदारनाथ धाम तक जाने में 8 से 9 घंटे का समय लगता है। मगर रोपवे परियोजना के तैयार होने के बाद महज 36 मिनट में लोग धाम तक पहुंच सकेंगे।

 

क्या है परियोजना का डिटेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला हुआ। बैठक के बाद पत्रकारों को बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया “मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है। यह राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत होगा। इस परियोजना की कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी।” उल्लेखनीय है कि पर्वतमाला परियोजना एक सरकारी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देना है।

हेमकुंड साहिब रोपवे को भी मंजूरी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी मंजूरी दे दी है। यह रोपवे 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत 2,730 करोड़ रुपये है। वैष्णव ने आगे कहा, “मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल पूंजीगत लागत 2,730.13 करोड़ रुपये है।” दोनों परियोजनाओं को BOT (बिल्ड, ऑपरेट, एंड ट्रांसफर) मॉडल के तहत लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि कोई निजी कंपनी इसे बनाएगी, चलाएगी और फिर सरकार को सौंप देगी।

शुरुआत में कम थी लागत

हमारे सहयोगीटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में 13 किलोमीटर लंबे सोनप्रयाग-गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1,200 करोड़ रुपये थी। वहीं, 12.5 किलोमीटर लंबे गोविंद घाट-घांघरिया-हेमकुंड साहिब रोपवे की लागत 850 करोड़ रुपये आंकी गई थी। अब इन अनुमानों को संशोधित किया गया है। मतलब अब लागत बढ़ गई है।

दुनिया के लंबे रोपवे में से एक

केदारनाथ रोपवे दुनिया के सबसे लंबे रोपवे में से एक होगा। इसका निर्माण समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर किया जाएगा। एक बार पूरा हो जाने पर, यह तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सोनप्रयाग से केदारनाथ तक सिर्फ 60 मिनट में पहुंचने की सुविधा देगा। अभी इस यात्रा में 6-7 घंटे का पैदल सफर लगता है। इस परियोजना में हर घंटे हर दिशा में 3,600 यात्रियों के आने-जाने की क्षमता होगी। मतलब एक घंटे में 7200 लोग सफर कर सकेंगे। इसी तरह, घांघरिया होते हुए हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबा रोपवे यात्रा के समय को केवल 45 मिनट तक कम कर देगा। वर्तमान में, गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा में लगभग 12 घंटे लगते हैं। घांघरिया, वैली ऑफ फ्लावर्स राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। यह रोपवे उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा जो फूलों की घाटी देखना चाहते हैं।

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Shreya Bhushan
Shreya Bhushan
श्रेया भूषण एक भारतीय पत्रकार हैं जिन्होंने इंडिया टुडे ग्रुप के बिहार तक और क्राइम तक जैसे चैनल के माध्यम से पत्रकारिता में कदम रखा. श्रेया भूषण बिहार से आती हैं और इन्हे क्राइम से संबंधित खबरें कवर करना पसंद है
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