बदलते मौसम में फ्लू और वायरल इन्फेक्शन के मामले काफी तेजी से बढ़ने लगते हैं। अभी ठंड पूरी तरह से गई नहीं है और इस वजह से लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं। बदलते मौसम की वजह से दिल्ली में भी वायरल इन्फेक्शन के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इनमें स्वाइन फ्लू के भी काफी मामले हैं (H1N1 Virus Outbreak)।
भारत में दिसंबर 2024 तक लगभग 220,414 लोग स्वाइन फ्लू से इन्फेक्टेड थे और इसकी वजह से 347 लोग अपनी जान गंवा चुके थे। यह आंकड़ा छोटा नहीं है और गंभीर चिंता का मुद्दा है। दिल्ली में भी स्वाइन फ्लू (Swine Flu Outbreak In Delhi) के लगभग 3141 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। दिल्ली के अलावा, भारत के अन्य राज्यों में भी इसके मामले बढ़े हैं।
इसलिए स्वाइन फ्लू से सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को। इसके कुछ लक्षण (Swine Flu Symptoms) और बचाव के तरीकों (Swine Flu Prevention Tips) के बारे में हम यहां बताने वाले हैं। आइए जानें।
क्या है स्वाइन फ्लू?
स्वाइन फ्लू, जिसे H1N1 इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक फैलने वाली बीमारी है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होती है। यह इन्फेक्शन फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। यह वायरस मुख्य रूप से सूअरों में पाया जाता है, लेकिन यह इंसानों में भी फैल सकता है। इसलिए इसका नाम स्वाइन फ्लू रखा गया। स्वाइन फ्लू पहली बार 2009 में एक महामारी के रूप में उभरा और तब से यह दुनिया भर में फैल चुका है। यह बीमारी इन्फेक्टेड व्यक्ति के खांसने, छींकने या उसके संपर्क में आने से फैलती है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण कैसे होते हैं?
- बुखार- स्वाइन फ्लू में तेज बुखार आना एक आम लक्षण है। बुखार अचानक से शुरू हो सकता है और कई दिनों तक बना रह सकता है।
- खांसी और गले में खराश- इन्फेक्टेड व्यक्ति को सूखी खांसी और गले में तेज खराश हो सकती है।
- सिरदर्द और शरीर में दर्द- स्वाइन फ्लू में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
- थकान और कमजोरी- इस बीमारी में मरीज को बेहद थकान और कमजोरी महसूस होती है।
- सर्दी-जुकाम- नाक बहना, छींक आना और नाक बंद होना भी स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं।
- उल्टी और दस्त- कुछ मामलों में रोगी को उल्टी और दस्त की समस्या भी हो सकती है।
- सांस लेने में तकलीफ- गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जो एक गंभीर लक्षण है।
स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करें?
स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर इससे बचा जा सकता है।
- हाथों की सफाई- नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं। अगर साबुन न हो, तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। खांसने या छींकने के बाद हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
- मास्क का इस्तेमाल- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। अगर जाना जरूरी हो, तो मास्क पहनकर जाएं। यह इन्फेक्शन को फैलने से रोकता है।
- सोशल डिस्टेंसिंग- बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। कम से कम 2 फीट की दूरी बनाए रखें।
- मुंह ढंककर खांसें और छींकें- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को टिश्यू या रुमाल से ढकें। उसके बाद टिश्यू को डस्टबिन में फेंक दें और हाथ धो लें।
- इम्युनिटी बढ़ाएं- हेल्दी डाइट लें, पूरी नींद लें और नियमित एक्सरसाइज करें। विटामिन-सी और डी वाले फूड्स खाएं, ताकि इम्युनिटी मजबूत बने।
- वैक्सीनेशन- स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए H1N1 वैक्सीन है। खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को यह वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
- डॉक्टर से संपर्क करें- अगर आपको स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से कोई दवा न लें।