नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने आठवें लगातार बजट भाषण से पहले मंत्रालय के बाहर एक सफेद साड़ी में पोज़ दिया। उनके हाथ में एक टैबलेट था, जो ‘बही खाता’ कवर में लिपटा हुआ था। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और बजट प्रस्तुति की अंतिम मंजूरी प्राप्त की।
‘बही खाता’ से टैबलेट तक का सफर
वर्षों तक वित्त मंत्री बजट दिवस पर संसद में एक चमड़े के ब्रीफ़केस में दस्तावेज़ लेकर जाते थे। 2019 में, निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ते हुए भारतीयता का स्पर्श जोड़ने के लिए ‘बही खाता’ को अपनाया। 2021 में, उन्होंने पूरी तरह डिजिटल बजट पेश किया और टैबलेट का इस्तेमाल किया, जिसे ‘बही खाता’ कवर में रखा गया।
बजट और ब्रीफ़केस का ऐतिहासिक जुड़ाव
‘बजट’ शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के शब्द ‘bougette’ से हुई है, जिसका अर्थ होता है छोटा चमड़े का बैग। बजट भाषण की परंपरा 18वीं सदी के ब्रिटेन में शुरू हुई थी, जब वित्त मंत्री को वार्षिक बजट पेश करने के लिए दस्तावेज़ खोलने के लिए कहा जाता था। 1860 में, ब्रिटिश वित्त प्रमुख विलियम ग्लैडस्टोन ने पहली बार एक लाल ब्रीफ़केस में बजट दस्तावेज़ प्रस्तुत किया।
आजादी के बाद, भारत के पहले वित्त मंत्री आर. के. शण्मुखम चेट्टी ने बजट प्रस्तुति के दौरान एक चमड़े की फाइल का इस्तेमाल किया। इसके बाद वर्षों तक वित्त मंत्रियों ने अलग-अलग तरह के ब्रीफ़केस का उपयोग किया, लेकिन 2019 में निर्मला सीतारमण ने इसे बदलकर भारतीय पारंपरिक ‘बही खाता’ को अपनाया।
सबसे ज्यादा बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड
निर्मला सीतारमण अपना लगातार आठवां बजट पेश कर रही हैं। अब तक का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है, जिन्होंने दस बजट पेश किए, लेकिन वे लगातार नहीं थे। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नौ बार बजट पेश किया है।
मधुबनी कला की विशेष साड़ी में सीतारमण
बजट 2025 के खास मौके पर निर्मला सीतारमण ने मधुबनी कला से सजी एक खूबसूरत साड़ी पहनी। यह साड़ी उन्हें 2021 की पद्मश्री सम्मानित कलाकार दुलारी देवी ने भेंट की थी। बिहार के मधुबनी दौरे के दौरान वित्त मंत्री से दुलारी देवी ने अनुरोध किया था कि वे इस खास दिन पर यह साड़ी पहनें।
अब सबकी नजरें बजट 2025 पर टिकी हैं कि क्या इसमें आम जनता और मध्यम वर्ग को कोई विशेष राहत मिलेगी या नहीं।
नोट: हम बिजनेस हेडलाइन (BH) में अपनी नैतिकता को बहुत गंभीरता से लेते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त की जा सकती है।