Kerala में एक मौलवी द्वारा 55 वर्षीय मुस्लिम विधवा महिला की पारिवारिक यात्रा पर आपत्ति जताने से विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर उनके बयान की कड़ी आलोचना हो रही है, जहां लोग महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
विवाद तब शुरू हुआ जब कोझिकोड की रहने वाली नफीसा अम्मा का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह मनाली की बर्फबारी का आनंद ले रही थीं। वीडियो में वह बर्फ उछालते हुए अपने परिवार को जीवन के खूबसूरत पलों का अनुभव करने के लिए प्रेरित कर रही थीं। लेकिन मौलवी इब्राहिम साकफी पुजहक्काथिरी को यह बात नागवार गुजरी। उन्होंने अपनी एक तकरीर में कहा, “पति के गुजरने के 25 साल बाद भी यह महिला यात्रा कर रही है और लोगों से कह रही है कि यही असली जिंदगी है। यह गलत है।”
इस बयान के बाद नफीसा अम्मा की बेटी जिज्ञासा ने अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “मेरी मां बहुत दुखी हैं और रो रही हैं। लोग उनसे मौलवी के बयान को लेकर सवाल कर रहे हैं। क्या एक विधवा को दुनिया देखने का हक नहीं है?”
सोशल मीडिया पर लोगों ने नफीसा अम्मा का समर्थन करते हुए मौलवी की सोच की आलोचना की। कई लोगों ने लिखा कि विधवाओं को भी जीवन जीने और घूमने-फिरने का उतना ही अधिकार है, जितना किसी और को। उनका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और इंस्टाग्राम पर ‘पोली मूड’ (यानी ‘शानदार मूड’) ट्रेंड कर रहा है।
इस मामले ने समाज में महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।
नोट: हम बिजनेस हेडलाइन (BH) में अपनी नैतिकता को बहुत गंभीरता से लेते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त की जा सकती है।