मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा करेंगे.पीएम मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘सागर’ (SAGAR) नीति का उल्लेख किया और भारत-मॉरीशस के ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने पर जोर दिया.
भारत-मॉरीशस: ऐतिहासिक और रणनीतिक साझेदारी
पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस ना केवल हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी है, बल्कि अफ्रीका महाद्वीप तक पहुंचने के लिए एक प्रमुख द्वार भी है. उन्होंने भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे गहरे आपसी विश्वास, लोकतंत्र के साझा मूल्यों और विविधता का उत्सव ही हमारी साझेदारी की असली ताकत है.
हिंद महासागर में सुरक्षा और विकास को बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले दस सालों में भारत और मॉरीशस ने जन-केंद्रित पहलों के जरिए आपसी सहयोग में महत्वपूर्ण प्रगति की है. आगे कहा कि मैं इस यात्रा के दौरान मॉरीशस के नेतृत्व के साथ कई क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करने और लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए इस स्थायी मित्रता को और ज्यादा सशक्त बनाने के लिए तत्पर हूं. पीएम मोदी ने अपनी ‘सागर’ (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि ये यात्रा हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के भारत के दृष्टिकोण को और मजबूती प्रदान करेगी.
भारत-मॉरीशस व्यापार संबंधों की मजबूती
भारत और मॉरीशस समुद्री सुरक्षा, विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण और आपसी संबंधों के क्षेत्रों में निकट सहयोग करते रहे हैं. मॉरीशस में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं भारत की सहायता से पूरी हुई हैं, जो दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाती हैं. भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में मॉरीशस, सिंगापुर के बाद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत था. दोनों देशों ने फरवरी 2021 में समग्र आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) पर हस्ताक्षर किए, जो भारत द्वारा किसी अफ्रीकी देश के साथ किया गया पहला व्यापार समझौता है.