प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान सोमवार को प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज की अगुवाई में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। इस धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य सनातन बोर्ड की स्थापना को लेकर सरकार के सामने प्रस्ताव रखना है।
सनातन धर्म और मंदिरों की सुरक्षा का विषय
देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा, “हम सब चाहते हैं कि सनातन बोर्ड का गठन हो। यह धर्माचार्यों की मांग है ताकि सनातन धर्म और मंदिर सुरक्षित रहें। धर्म संसद के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में लोग इसमें भाग लेने आ रहे हैं।”
मोदी और योगी सरकार से अपील
धर्म संसद से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए ठाकुरजी महाराज ने सनातन धर्म से जुड़े सभी हिंदुओं से एकजुट होकर इस मांग को मजबूत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह धर्म संसद एक धार्मिक यज्ञ की तरह है। मैं मोदीजी और योगीजी से भी अपील करता हूं कि सनातन बोर्ड का गठन किया जाए।”
बड़े संतों की उपस्थिति
इस धर्म संसद में देश के बड़े धर्मगुरुओं और संतों की उपस्थिति होगी। इनमें जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज, जगद्गुरु निम्बार्काचार्य श्रीजी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज, महमंडलेश्वर संतोष दास जी महाराज (सतुआ बाबा), और दीदी मां ऋतंभरा जी समेत कई प्रमुख संत और गुरु शामिल होंगे।
संविधान का प्रारूप होगा तैयार
सोमवार की बैठक में सनातन बोर्ड के गठन के लिए संविधान का प्रारूप तैयार किया जाएगा। यह बोर्ड सनातन धर्म और उससे जुड़े मुद्दों की रक्षा और प्रबंधन के लिए काम करेगा।
सभी से जुड़ने की अपील
इससे पहले ठाकुरजी महाराज ने एक वीडियो जारी कर सभी हिंदुओं से धर्म संसद में शामिल होने की अपील की थी। उन्होंने कहा, “यह समय है जब हमें एकजुट होकर अपनी मांगों को मजबूती से रखना चाहिए। सनातन बोर्ड हमारी जरूरत है।”
धर्म संसद से सनातन धर्म के संरक्षण और प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की संभावना है|