Rajasthan के टोंक जिले में स्थित चामुंडा माता मंदिर धार्मिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है। इस मंदिर की पूजा और देखभाल का जिम्मा पिछले कई सौ सालों से एक Muslim परिवार के पास है। Holi के दिन इस मंदिर में खास उत्साह देखने को मिलता है, जब सैकड़ों भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
आवड़ा पंचायत के दाढ़ी Muslim परिवार के सदस्य खुद को माता का सेवक मानते हैं। मंदिर के पुजारी शंभू, जो इसी परिवार से हैं, कहते हैं, “माताजी का आशीर्वाद हमारे परिवार पर बना हुआ है, और हम पूरी निष्ठा से उनकी सेवा करते हैं।” खास बात यह है कि इस परिवार के गुजारे के लिए आसपास के 11 गांवों के लोग हर साल 11 किलो अनाज देते हैं, जिससे उनकी जीविका चलती है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर लगभग 600 साल पुराना है और तब से ही इस मुस्लिम परिवार द्वारा पूजित किया जा रहा है। नगर गांव के पूर्व सरपंच रामजी लाल टेलर बताते हैं, “हमने कभी महसूस ही नहीं किया कि मंदिर का पुजारी मुस्लिम है। हमारे लिए वह सिर्फ माता का भक्त है।”
चामुंडा माता मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और दूर से ही दिखाई देता है। Holi के अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। कहा जाता है कि मंदिर से जुड़े कई चमत्कारिक अनुभव भी लोगों ने महसूस किए हैं, और यह पूरे क्षेत्र के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
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