भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय धोखाधड़ी पर काबू पाने के लिए एक अहम कदम उठाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो 31 मार्च 2025 से लागू होंगे। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य मोबाइल नंबरों के गलत इस्तेमाल से होने वाली धोखाधड़ी को रोकना है, खासकर डिजिटल लेन-देन के दौरान होने वाली धोखाधड़ी को नियंत्रित करने के लिए। आरबीआई के इस फैसले का असर बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), और अन्य वित्तीय संस्थानों पर पड़ेगा, जिन्हें इन नए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट का उपयोग
नए दिशा-निर्देशों के तहत, आरबीआई ने निर्देश दिया है कि बैंकों, एनबीएफसी और पेमेंट एग्रीगेटर्स को मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का उपयोग करना होगा। यह लिस्ट डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) द्वारा तैयार की जाती है, जिसमें उन मोबाइल नंबरों की जानकारी होती है, जिन्हें अवैध या बंद कर दिया गया है। इसके जरिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि फर्जी और बंद नंबरों का उपयोग धोखाधड़ी के लिए नहीं हो सके। इन नंबरों से जुड़ी किसी भी वित्तीय गतिविधि पर सख्त निगरानी रखी जाएगी, ताकि धोखाधड़ी के प्रयासों को तुरंत रोका जा सके।
ग्राहकों को जागरूक करने की जिम्मेदारी
आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे इन नए नियमों के बारे में अपने ग्राहकों को जागरूक करें। इसके लिए वे ग्राहकों को ईमेल, एसएमएस और क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी देंगे। इस कदम का उद्देश्य ग्राहकों को फर्जी कॉल्स, मैसेजेज और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाना है। इसके अलावा, ग्राहकों को यह समझाना भी जरूरी होगा कि कैसे वे फर्जी कॉल्स और मैसेजेज से बच सकते हैं, और क्या सावधानियां बरत सकते हैं।
नई नंबर सीरीज का निर्धारण
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब बैंकों, स्टॉक ब्रोकर्स और अन्य वित्तीय संस्थानों को कॉमर्शियल कॉल्स के लिए 140/160 नंबर सीरीज का इस्तेमाल करना होगा। इसके तहत, सभी सर्विस और ट्रांजैक्शनल मैसेजेज ‘1600xx’ नंबर से आएंगे, जबकि प्रमोशनल कॉल्स ‘140xx’ नंबर से किए जाएंगे। इससे उपभोक्ता आसानी से पहचान सकेंगे कि कौन सी कॉल्स और मैसेजेज वैध हैं और कौन से फर्जी हैं। यह कदम ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक और सुरक्षा की परत प्रदान करेगा।
कस्टमर केयर नंबर का रजिस्ट्रेशन
नए दिशा-निर्देशों के तहत, सभी वित्तीय संस्थानों को अपने कस्टमर केयर नंबर को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) के संचार साथी पोर्टल पर रजिस्टर करना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ग्राहक केवल प्रमाणित और मान्यता प्राप्त नंबरों से संपर्क कर सकें, जिससे उन्हें धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और ग्राहकों को अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
उद्देश्य और भविष्य की दिशा
आरबीआई और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत का डिजिटल वित्तीय इकोसिस्टम सुरक्षित और भरोसेमंद रहे। इसके तहत धोखाधड़ी करने वालों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं, जो न केवल उपभोक्ताओं के लिए, बल्कि समग्र रूप से वित्तीय प्रणाली के लिए फायदेमंद साबित होंगे। इस बदलाव के बाद, उपभोक्ता किसी भी धोखाधड़ी कॉल्स या मैसेजेज से बचने के लिए अधिक सतर्क रह सकेंगे।
इन नए दिशा-निर्देशों के लागू होने के बाद, भारतीय वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जो भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित होगा।