जांच के दायरे में एक प्रमुख रिपोर्ट 6-फ्लैग स्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के जीर्णोद्धार से संबंधित है, जिसे भाजपा ने ‘शीशमहल’ कहा है। आडिट में कथित तौर पर परियोजना की योजना, निविदा और निष्पादन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को उजागर किया है।

इस योजना के लिए शुरुआत में 2020 में 7.61 करोड़ रुपये मंजूर किए गए, मगर अप्रैल 2022 तक लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई यानी 342 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भाजपा और कांग्रेस ने इन निष्कर्षों का इस्तेमाल पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को निशाने पर लिया है, जिसमें सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। 

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पहले इन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किए जाने पर चिंता जताई थी और विधानसभा से पिछले साल दिसंबर में एक विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था। हालांकि आप के कार्यकाल के दौरान पांच साल के दौरान ये रिपोर्ट पेश नहीं की गईं, जिससे उन्हें जारी करने की मांग बढ़ गई थी।