नई दिल्ली: आज देशभर की नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2025 पर टिकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत में अपने संबोधन में कहा कि यह बजट नए आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार करेगा। उन्होंने माँ लक्ष्मी से गरीबों और मध्यम वर्ग पर कृपा बनाए रखने की प्रार्थना भी की।
मध्यम वर्ग के लिए टैक्स राहत की उम्मीद
हर साल वेतनभोगी करदाता आयकर में कटौती और कर दरों में बदलाव की उम्मीद करते हैं। इस बार भी टैक्सपेयर्स को नए कर फ्रेमवर्क में कुछ राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकार कर स्लैब में बदलाव और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने पर विचार कर सकती है ताकि मध्यम वर्ग के हाथ में अधिक बचत पहुंचे।
नया कर फ्रेमवर्क (वर्तमान स्थिति)
₹3 लाख तक की इनकम – कर मुक्त
- ₹3 लाख – ₹7 लाख – 5%
- ₹7 लाख – ₹10 लाख – 10%
- ₹10 लाख – ₹12 लाख – 15%
- ₹12 लाख – ₹15 लाख – 20%
- ₹15 लाख से अधिक – 30%
₹7 लाख तक की इनकम पर ₹25,000 तक की छूट उपलब्ध
आर्थिक मंदी के बीच राहत की मांग
इस बार का बजट ऐसे समय में आ रहा है जब देश की आर्थिक वृद्धि दर (GDP ग्रोथ) पिछले दो वर्षों के निचले स्तर 5.4% पर पहुंच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि कर में कटौती से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है।
मोदी सरकार 3.0 का दूसरा बजट
यह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आठवां बजट। सरकार ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस बजट को लेकर बड़े बदलावों की ओर इशारा कर रही है।
अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या बजट 2025 में मध्यम वर्ग को कर में कोई बड़ी राहत मिलेगी या नहीं।
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