नई दिल्ली 26 जनवरी 2025 को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में महिला सशक्तिकरण की एक झलक देखने को मिलेगी। मेजर राधिका सेन और कैप्टन रितिका खरेटा इस ऐतिहासिक परेड में अपनी-अपनी टुकड़ियों का नेतृत्व करती नजर आएंगी। मेजर राधिका सेन ‘मेकनाइज्ड फोर्सेस’ का हिस्सा हैं, जबकि कैप्टन रितिका खरेटा ‘कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स’ की कमान संभालेंगी।
मेजर राधिका सेन ने किया देश का गौरव बढ़ाया
मेजर राधिका सेन परेड में ‘नंदिघोष’ वाहन पर खड़ी होंगी। यह वाहन भारत फोर्ज द्वारा निर्मित एक तेज़ प्रतिक्रिया बल वाहन है। मेजर सेन ने बताया, “यह एक माइन्स से सुरक्षित आर्मर्ड पर्सनल कैरियर है, जिसमें 8 सैनिकों के साथ चालक और सहायक चालक को ले जाने की क्षमता है। यह वाहन आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी अभियानों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों में भी अपनी उपयोगिता साबित कर रहा है।”
मेजर सेन ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “बचपन में मैं टीवी पर परेड देखती थी, लेकिन इस बार मैं खुद इस परेड का हिस्सा हूं। यह मेरे लिए बहुत गर्व और खुशी का पल है। मुझे यकीन है कि मेरे माता-पिता मुझ पर गर्व महसूस कर रहे होंगे।”
मेजर सेन को 2023 में ‘यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
कैप्टन रितिका खरेटा संभालेंगी ‘कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स’ की कमान
कैप्टन रितिका खरेटा गणतंत्र दिवस परेड में ‘कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स’ की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी। उन्होंने कहा, “हम सेना के नेटवर्क, साइबर युद्ध और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए जिम्मेदार हैं। मेरे साथ मेरी टुकड़ी के तकनीकी रूप से कुशल सैनिक हैं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मेरे नेतृत्व में मार्च किया। यह मेरे लिए गर्व की बात है।”
परेड में दिखेगी भारत की सांस्कृतिक धरोहर
परेड की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने से होगी। इसके बाद राष्ट्रपति पारंपरिक बग्घी में ‘कर्तव्य पथ’ पर पहुंचेंगे और मार्च पास्ट की सलामी लेंगे। परेड में भारतीय सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, एनसीसी और एनएसएस के विभिन्न दल हिस्सा लेंगे।
इस बार परेड में 300 सांस्कृतिक कलाकार विभिन्न वाद्य यंत्रों पर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। भारतीय टुकड़ियों के साथ इंडोनेशियाई टुकड़ी भी मार्च करेगी।
गणतंत्र दिवस परेड में मेजर राधिका सेन और कैप्टन रितिका खरेटा के योगदान से भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और ताकत को एक नया आयाम मिलेगा।