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Friday, March 14, 2025

Closing Bell: आज भारतीय शेयर बाज़ार गिरावट के साथ लाल निशान में हुआ बंद

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13 फरवरी, गुरुवार को भारतीय प्रमुख सूचकांकों ने सातवें लगातार सत्र के लिए नकारात्मक समापन किया। शुरुआती लाभ को मध्य सत्र में बिकवाली के दबाव ने समाप्त कर दिया, जिससे निफ्टी 50 और सेंसेक्स दोनों को निचले स्तरों पर बंद होना पड़ा। हालांकि, पिछले दो व्यापारिक सत्रों में बिकवाली का दबाव थोड़ा कम हुआ है।

जनवरी में भारत में महंगाई की दर अपेक्षाकृत अधिक गिरावट आई थी, लेकिन अमेरिकी महंगाई का आंकड़ा उम्मीद से अधिक गर्मी के साथ आया, जिससे निवेशकों की उम्मीदें चूर हो गईं कि 2025 में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा। इसके अलावा, वैश्विक व्यापारिक तनावों में वृद्धि ने भी चिंताएं पैदा की हैं, जिससे निवेशकों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को लक्षित करके पलटवार कर सकते हैं और संभावित शुल्क बढ़ा सकते हैं।

सेंसेक्स और निफ्टी 50 का समापन

निफ्टी 50 ने सत्र को 0.06% की मामूली गिरावट के साथ 23,031 पर बंद किया, जबकि सेंसेक्स 0.04% की गिरावट के साथ 76,138 पर बंद हुआ। यह लगातार सातवां सत्र था जब दोनों प्रमुख सूचकांक नकारात्मक समापन के साथ बंद हुए। इसके साथ ही निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.37% की गिरावट के साथ 15,973 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.25% की बढ़त के साथ 50,881 पर बंद हुआ।

वैश्विक घटनाक्रम का असर

वैश्विक बाजारों में मौजूद चिंताओं ने भारतीय बाजारों में निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। अमेरिकी महंगाई के आंकड़े उम्मीद से अधिक बढ़ गए थे, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही थी कि फेडरल रिजर्व 2025 में ब्याज दरों में कई बार कटौती करेगा। लेकिन इस उम्मीद के विपरीत, अमेरिकी महंगाई के आंकड़े ने बाजार की उम्मीदों पर पानी फेरा। अमेरिकी महंगाई में बढ़ोतरी से यह चिंता उत्पन्न हो गई है कि फेडरल रिजर्व के लिए ब्याज दरों में कटौती की नीति से दूर जाना पड़ेगा, जो भारतीय बाजारों के लिए नकारात्मक संकेत हो सकता है।

इसके अलावा, वैश्विक व्यापारिक तनावों ने भी भारतीय निवेशकों को चिंतित किया है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध की बढ़ती संभावना के चलते भारत को भी इससे प्रतिकूल असर हो सकता है। इसी संदर्भ में यह भी चर्चा चल रही है कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को अपने व्यापारिक नीति के तहत निशाना बना सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो भारत को भी बढ़े हुए शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है।

सांस्कृतिक और क्षेत्रीय मोर्चे पर निवेशकों का नजरिया

जबकि सेंसेक्स और निफ्टी 50 में गिरावट आई, कुछ क्षेत्रीय स्टॉक्स ने सकारात्मक प्रदर्शन किया। फार्मा क्षेत्र ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, जहां निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 1.35% की बढ़त देखने को मिली। इस क्षेत्र में 20 में से 15 कंपनियों ने हरे निशान पर समाप्त किया। फार्मा क्षेत्र की यह बढ़त न केवल घरेलू बाजार में बल्कि वैश्विक बाजारों में भी निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रही है।

रियल्टी स्टॉक्स की वापसी

इस सत्र में रियल्टी स्टॉक्स ने भी सकारात्मक प्रदर्शन किया। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने छह दिन की गिरावट के बाद 0.81% की बढ़त हासिल की। यह वृद्धि भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में उम्मीदों की झलक है। रियल्टी क्षेत्र में यह सुधार निवेशकों को कुछ राहत देने के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब इस क्षेत्र में लगातार गिरावट की स्थिति बनी हुई थी।

अन्य क्षेत्रीय प्रदर्शन

इसके अलावा, निफ्टी मीडिय, निफ्टी पीएसई, निफ्टी मेटल और निफ्टी सीपीएसई इंडेक्स ने भी लाभ दर्ज किया। इन सेक्टर्स में 0.26% से लेकर 0.86% तक की बढ़त देखने को मिली। जबकि अधिकांश सूचकांक नकारात्मक दिशा में जा रहे थे, इन क्षेत्रीय क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया और निवेशकों को सकारात्मक संकेत दिए।

निवेशकों के लिए क्या संकेत?

यहां यह महत्वपूर्ण है कि भारतीय बाजारों में निवेशकों को वैश्विक और घरेलू दोनों मोर्चों पर चल रही अस्थिरता का ध्यान रखना चाहिए। अमेरिकी महंगाई और व्यापारिक तनावों के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, जो भारतीय निवेशकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में निवेशकों को धैर्य और विवेक से काम लेने की आवश्यकता है। हालांकि, फार्मा और रियल्टी क्षेत्र में जो सकारात्मक रुझान देखे गए हैं, वह निवेशकों के लिए कुछ राहत का संकेत हो सकते हैं।

वर्तमान में भारतीय बाजारों के लिए आगे का रास्ता थोड़ा अस्थिर दिखाई दे रहा है, लेकिन अगर वैश्विक व्यापारिक तनावों का समाधान होता है और भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की दिशा मिलती है, तो बाजार में स्थिरता आ सकती है। निवेशकों को विभिन्न सेक्टरों में विविधता रखने की सलाह दी जा रही है ताकि वे किसी भी क्षेत्र में होने वाली अस्थिरता से बच सकें।

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