उद्योग निकाय CII की ‘WELEAD’ पहल, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, एक लाख भारतीय महिलाओं को समर्थन देने के लिए दावोस में विश्व आर्थिक मंच में साझेदारी की घोषणा करने के लिए तैयार है, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा।
भारत ने 2024 में पहली बार विश्व आर्थिक मंच की दावोस वार्षिक बैठक में “वी लीड” लाउंज की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य महिला नेतृत्व के निर्माण के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना है। इस बार भी उन्होंने इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से ‘वीलीड’ लाउंज की शुरुआत की।
भारतीय उद्योग परिसंघ के साथ साझेदारी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के नेतृत्व में तथा बिल एवं मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के समर्थन से निर्मित ‘WELEAD’ लाउंज को एक समर्पित स्थान के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसे महिलाओं द्वारा संचालित वैश्विक समृद्धि के संदेश को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है, तथा इस आख्यान में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया है।
स्मृति ईरानी ने दावोस में कहा, “इस एक साल में हमने काफी हद तक सफलता हासिल की है।”
उन्होंने कहा, “हमने इस गठबंधन के तहत दुनिया भर की 10,000 से अधिक कंपनियों को शामिल किया है ताकि हम कंपनियों में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ा सकें और वैश्विक अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को बढ़ा सकें।”
उन्होंने कहा कि इस वर्ष वे दावोस में दो रणनीतिक साझेदारियों की घोषणा करेंगे।
उन्होंने कहा, “भारत भर में एक लाख महिलाओं को सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे ऋण के योग्य बन सकें और उनके उद्यम लाभदायक बन सकें।”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रमंडल सचिवालय ने प्रसन्नता व्यक्त की है कि वे भारत के इस प्रयास को राष्ट्रमंडल के 56 देशों तक ले जाना चाहेंगे। आज यहां दावोस में इसकी घोषणा की जाएगी।”
साथ ही उन्होंने कहा कि सावी नामक एक सहयोग है, जो अमेरिका-भारत सामरिक साझेदारी मंच के अंतर्गत है।
स्मृति ईरानी ने कहा, “दक्षिण एशिया में ऊर्जा क्षेत्र के अलावा अन्य उद्योगों में कार्यरत महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आज एक विशेष व्यवस्था की घोषणा की जाएगी।”
कार्यक्रम के वित्तपोषण स्रोत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “इन सभी प्रयासों को नागरिक समाज द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।”
उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि हमारे देश ने भारत में महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। और अब हमारा प्रयास है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए और यह परोपकार की दृष्टि से नहीं, दान की दृष्टि से नहीं, बल्कि आर्थिक उत्थान की दृष्टि से किया जाए।”
स्मृति ईरानी ने DAVOS से कहा, “इसका फोकस यह है कि महिलाओं को दान के नजरिए से नहीं बल्कि वित्तीय उत्थान के नजरिए से देखा जाना चाहिए।”