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Thursday, March 13, 2025

खेल मंत्रालय ने WFI से हटाया बैन, महासंघ का दर्जा NSF के रूप में किया बहाल

राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए स्थल का चयन से केंद्र सरकार नाराज हो गई और बैन लगा दिया. यह पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का गढ़ है.

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खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ (WFI) से अपना निलंबन वापस ले लिया है. इससे डोमेस्टिक कंपटीशन के आयोजन और इंटरनेशनल कंपटीशन के लिए राष्ट्रीय टीमों के चयन का रास्ता साफ हो गया है. आपको बता दें कि पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह ने वर्ष 2023 में WFI अध्यक्ष का चुनाव जीता था, इसके बाद विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने सवाल उठाए थे.

खेल मंत्रालय ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगा अपना निलंबन वापस ले लिया. मंत्रालय ने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप की जल्दबाजी में घोषणा करने के लिए 24 दिसंबर 2023 को WFI को निलंबित कर दिया था. इस आदेश के बाद डोमेस्टिक कंपटीशन के आयोजन और इंटरनेशनल कंपटीशन के लिए राष्ट्रीय टीमों के चयन का रास्ता साफ हो गया है.

आपको बता दें कि  डWFI अध्यक्ष संजय सिंह के पैनल ने 21 दिसंबर 2023 को चुनाव जीत लिया था, लेकिन गोंडा के नंदिनी नगर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए स्थल का चयन से केंद्र सरकार नाराज हो गई और बैन लगा दिया. दरअसल, यह पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का गढ़ है.

WFI ने कई रिफॉर्म्स किए

मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि महासंघ ने रिफॉर्म्स किए हैं, जिसके कारण निलंबन हटा लिया गया है. मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्पॉट वेरिफिकेशन कमेटी के निष्कर्षों, डब्ल्यूएफआई द्वारा किए गए अनुपालन उपायों और भारतीय खेलों और एथलीटों के व्यापक हित को देखते हुए, युवा मामले और खेल मंत्रालय 24.12.2023 के समसंख्यक आदेश के तहत भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निलंबन को रद्द करता है और निम्नलिखित निर्देशों के साथ कुश्ती के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में इसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से बहाल करता है.

मंत्रालय ने महासंघ के संचालन के लिए अन्य दिशा-निर्देश सुझाए हैं. “डब्ल्यूएफआई को निलंबन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना चाहिए और नामित पदाधिकारियों के बीच शक्ति का संतुलन रखना चाहिए तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया में नियंत्रण और संतुलन प्रदान करना चाहिए और यह प्रक्रिया 4 सप्ताह में पूरी होनी चाहिए.

इन बातों का रखना होगा ध्यान

पत्र में आगे कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो पदाधिकारी के रूप में नहीं चुना गया है, साथ ही डब्ल्यूएफआई के निलंबित/समाप्त वेतनभोगी अधिकारियों को महासंघ और इसकी संबद्ध इकाइयों से पूरी तरह से अलग रहना चाहिए. डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति को इस संबंध में 4 सप्ताह के भीतर एक वचन देना होगा. वचन का कोई भी उल्लंघन उचित कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा, जिसमें खेल संहिता के तहत कार्रवाई भी शामिल है.

इसमें आगे कहा गया है, “डब्ल्यूएफआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए चयन खेल संहिता के मौजूदा प्रावधानों और इस संबंध में जारी अन्य नवीनतम निर्देशों तथा यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा समय-समय पर जारी नियमों के अनुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए.”

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Shreya Bhushan
Shreya Bhushan
श्रेया भूषण एक भारतीय पत्रकार हैं जिन्होंने इंडिया टुडे ग्रुप के बिहार तक और क्राइम तक जैसे चैनल के माध्यम से पत्रकारिता में कदम रखा. श्रेया भूषण बिहार से आती हैं और इन्हे क्राइम से संबंधित खबरें कवर करना पसंद है
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