बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) आज, 26 फरवरी को Mahashivratri के अवसर पर बंद रहेंगे। इस दौरान इक्विटी, डेरिवेटिव्स, स्टॉक लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB), करेंसी डेरिवेटिव्स और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स में कोई ट्रेडिंग नहीं होगी।
कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में सुबह का सत्र (9:00 AM से 5:00 PM) बंद रहेगा, जबकि शाम का सत्र (5:00 PM से 11:55 PM) खुला रहेगा। बाजार में 27 फरवरी (मंगलवार) से फिर से कारोबार शुरू होगा।
कल बाजार में रही अस्थिरता, निफ्टी लगातार छठे सत्र में कमजोर
25 फरवरी को भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। निफ्टी 6 अंक गिरकर 22,547.55 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, सेंसेक्स 147.71 अंकों की बढ़त के साथ 74,602.12 पर बंद हुआ।
इस गिरावट के साथ, निफ्टी लगातार छठे सत्र में कमजोरी के साथ बंद हुआ।
किन शेयरों में रही हलचल?
बढ़त वाले शेयर: महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी और नेस्ले इंडिया।
गिरावट वाले शेयर: हिंदाल्को, डॉ. रेड्डी लैब्स, सन फार्मा, हीरो मोटोकॉर्प और ट्रेंट।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस
- आईटी, मेटल, ऑयल & गैस, एनर्जी, कैपिटल गुड्स, PSU बैंक और रियल्टी सेक्टर में 0.5-1% की गिरावट दर्ज की गई।
- ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, FMCG और टेलीकॉम सेक्टर में 0.5% की बढ़त रही।
विशेषज्ञों की राय
LKP सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे ने कहा,
“इंडेक्स ज्यादातर समय सीमित दायरे में रहा, हालांकि अंत में कुछ गिरावट देखी गई। 21EMA से नीचे ट्रेडिंग होने के कारण मंदड़ियों (बियरिश ट्रेंड) का दबदबा बना रहा। 22,500 का स्तर महत्वपूर्ण समर्थन बना हुआ है, जबकि 22,650 और 22,750-22,800 के स्तर पर प्रतिरोध देखने को मिल सकता है। यदि इंडेक्स ऊपरी स्तरों पर पहुंचता है, तो वहां बिकवाली का दबाव आ सकता है।”
रुपया 87.20 प्रति डॉलर पर बंद, तीन हफ्तों में सबसे बड़ी गिरावट
भारतीय रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 50 पैसे गिरकर 87.20 पर बंद हुआ, जबकि शुक्रवार को यह 86.70 के स्तर पर था।
Mehta Equities के VP (कमोडिटी) राहुल कलंत्री ने कहा,
“भारतीय रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आधे प्रतिशत से अधिक कमजोर हो गया, जो पिछले तीन हफ्तों में इसकी सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट रही। हालांकि, मामूली रिकवरी के बावजूद रुपया 87.20 के नीचे कमजोर बना रहा।
“डॉलर में मजबूती अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मैक्सिको और कनाडा से जुड़े टैरिफ बयान के बाद आई, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा। इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली से भी रुपये में गिरावट आई। निकट भविष्य में रुपया अस्थिर रह सकता है और इसका ट्रेडिंग रेंज 86.65-87.70 रह सकता है।”