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Thursday, March 13, 2025

जम्मू में आतंकवाद पर कड़ा रुख, उपराज्यपाल ने सुरक्षा समीक्षा बैठक में दिए सख्त निर्देश

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया।

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जम्मू में आतंकवाद और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल, Manoj Sinha ने की। इस दौरान, उन्होंने सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने और आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में जम्मू और कश्मीर के डीजीपी, Nalin Prabhat, आईजीपी जम्मू, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

बैठक के प्रारंभ में डीजीपी जम्मू और कश्मीर और आईजीपी जम्मू ने उपराज्यपाल को सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी योजनाओं और प्रस्तावित उपायों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान रेलवे सुरक्षा पर भी चर्चा हुई। आईजीपी रेलवे ने रेलवे स्टेशनों और पटरियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बनाई गई रोडमैप पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

उपराज्यपाल Manoj Sinha ने बैठक में कहा कि उनका प्रमुख ध्यान जम्मू क्षेत्र से आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया करना है। उन्होंने कहा, “हमें जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद के किसी भी अवशेष को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया करने और आतंकवाद के स्थानीय समर्थन और बुनियादी ढांचे को समाप्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।”

Manoj Sinha ने पुलिस अधिकारियों को आतंकवाद को रसद और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित किया जाए कि समाज में भय पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति या समूह के कार्यों को आतंकवादी कार्रवाई के रूप में देखा जाए और उन्हें कानून के अनुसार दंडित किया जाए।”

उपराज्यपाल ने सुरक्षा बलों से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से खुफिया जानकारी जुटाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों को सटीक और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने पुलिस बल की क्षमता निर्माण, साइबर गश्त, और अंतर-एजेंसी समन्वय की रणनीतियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। साथ ही, उन्होंने नार्को-आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने और सीमा सुरक्षा को भी मजबूत करने के निर्देश दिए।

Manoj Sinha ने कहा, “आतंकवाद के प्रत्येक अपराधी और उसके समर्थक को इसकी कीमत चुकानी होगी। हमें खुद को विश्वसनीय खुफिया जानकारी से लैस करने और आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों के लिए तैयार रहना होगा।”

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि नदियों और पर्वतीय क्षेत्रों में विषम परिस्थितियों के कारण सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत किया जाए और सभी सुरक्षा एजेंसियां आपस में समन्वय कर मिलकर काम करें। उपराज्यपाल ने आतंकवादी प्रचारकों से निपटने के लिए कानूनी ढांचे को और सुदृढ़ करने का आह्वान किया।

इस बैठक के दौरान उपराज्यपाल ने आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि जम्मू और कश्मीर में शांति और स्थिरता बनी रहे। उन्होंने राज्य के पुलिस प्रतिष्ठानों को आधुनिक तकनीकी सहायता देने और सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने की आवश्यकता जताई।

यह बैठक जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के साथ-साथ राज्य के विकास के लिए नए उपायों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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