प्रयागराज में महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं का आना – जाना लगा हुआ है। देश भर से भक्तों की भीड़ लगी हैं। कभी IITAN सन्यासी कै बारे मै पता चलता हैं तो कभी सोशल मीडिया influencer हर्षा रिछारिया के बारे में पता चलता हैं। हम कह सकतें हैं कि महाकुंभ में आस्था के अलग और अनोखे रूप भी देखे जा रहें हैं। इस बीच ‘कांटे वाले बाबा’ इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहे हैं। इनका नाम रमेश कुमार मांझी है और साधना करने के अपने अनोखे अंदाज की वजह से यह महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
क्यों करतें हैं बाबा काटों पर साधना?.. बाबा कांटों के सेज पर साधना करते हैं और इसीलिए इन्हें ‘कांटे वाले बाबा’ कहा जाता है। वह पिछले 50 सालों से हर साल यह साधना करते आए हैं और उनका कहना है कि इन कांटों से उनको नुकसान नहीं पहुंचता है। पूछे जाने पर वह कहते हैं, “मैं गुरु की सेवा करता हूं। गुरु ने हमें ज्ञान दिया, आशीर्वाद दिया। यह सब भगवान की महिमा है जो मुझे ऐसा करने में मदद करती है। मैं पिछले 40-50 सालों से हर साल ऐसा करता आ रहा हूं।”
काटों पर बाबा के लिए साधना कैसे लाभदायक रही?… बाबा अपने बारे में बताते हुए कहतें हैं की मैं उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और गंगासागर भी जाता हैं। मुझे कांटों पर लेटने से उन्हें फायदे भी होते हैं। कांटे वाले बाबा ने बताया, “मैं ऐसा इसलिए करता हूं क्योंकि इससे मेरे शरीर को लाभ होता है। इससे मुझे कभी कोई तकलीफ नहीं होती।” वह कहते हैं, “मुझे दिन भर में हजार रुपए मिल जाते हैं। जो दक्षिणा मिलेगी उसका आधा हिस्सा मैं जन्माष्टमी में दान कर दूंगा और बाकी से अपना खर्चा पानी निकालूंगा।”
यह महाकुंभ हजारों सनातनियों का संगम ले कर आया हैं। जिसने सम्पूर्ण संसार को अपनी ओर आकर्षित कर लिया हैं।